भोपाल। सबसे बड़ी अदालत जनता की होती है . कांग्रेस चुनाव में जनता के बीच नहीं जाना चाहती, इसलिये अदालत में चली गई. ओबीसी मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये कहा. कांग्रेस ने कहा है कि ओबीसी रिजर्वेशन (obc reservation congress bjp war mp) मामले में वो सरकार को सदन में घेरेगी. इस पर नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया.
नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को दिखाया आईना! 'जनता की अदालत से भागी कांग्नेस'
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर विवेक तन्खा के मानहानि के नोटिस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, कि कांग्रेस अपनी गलतियों को छिपाने के लिए नोटिस दे रही है. गृह मंत्री ने कहा कि जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत होती है. इन्हें चुनाव में नहीं जाना था, इसलिए अदालत में पहुंच गए. तन्खा ने सीएम शिवराज सिंह, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेन्द्र सिंह पर मानहानि का आरोप लगाते हुए 10 करोड़ का मुआवजा मांगा है. (narottam mishra says congress in fear of election) तन्खा का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण में सुनवाई के दौरान वे वकील थे. सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद बीजेपी के नेताओं ने तन्खा पर ओबीसी आरक्षण को अटकाने जैसे आरोप लगाए थे.
'राहुल गांधी हिंदुओं को बांटना चाहते हैं'
राहुल गांधी के हिंदू और हिंदुत्व के मुद्दे पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वे हमेशा हिंदू और हिंदुत्व पर प्रश्न उठाते हैं. (politics on obc reservation in mp) आपने कभी किसी और धर्म के बारे में बोलते हुए उन्हें नहीं सुना होगा. राहुल वास्तव में हिंदुओं को बांटना चाहते हैं. अब इनकी राजनीति यहीं तक सीमित रह गई है.
'25 दिसंबर तक चलेगा सुशासन दिवस'
गुड गवर्नेंस दिवस पर गृह मंत्री ने कहा कि आज से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन 25 दिसंबर तक सुशासन सप्ताह मनाया जाएगा.
'हिंदू विरोधी हैं दिग्विय सिंह'
मुनव्वर फारूकी को बधाई देने के मामले में दिग्विजय सिंह को घेरते हुए गृह मंत्री ने कहा जो भी व्यक्ति हिंदू धर्म और हिंदू देवी देवताओं का अपमान करेगा, उसे दिग्विजय सिंह बधाई ही देंगे.चचा और बाबा का यही काम हैं. गुरु चेला यही तो कर रहे हैं.
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21 दिसंबर को जबलपुर हाईकोर्ट में होनी है सुनवाई
रोटेशन के आधार पर आरक्षण मामले की सुनवाई 21 दिसंबर को जबलपुर हाई कोर्ट में होनी है. राज्य सरकार विधि विशेषज्ञों की सलाह लेकर आरक्षण पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की तैयारी कर रही है .कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में स्थगन प्रस्ताव लाएगी. मध्य प्रदेश में ओबीसी की कुल आबादी 50 प्रतिशत से ज्यादा है. इसके चलते वोट बैंक की राजनीति चल रही है.अब तक मध्य प्रदेश में 23 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने पंचायत चुनाव के लिए अपने नामांकन फॉर्म जमा करा दिए हैं. नामांकन फॉर्म जमा करने की आज यानि सोमवार 20 दिसंबर को अंतिम तारीख है. 21 दिसंबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी . नाम वापस लेने की अंतिम तारीख पहले और दूसरे चरण के लिए 23 दिसंबर रखी गई है.
अब तक क्या क्या हुआ
- पंचायत चुनाव में सैयद जाफर और जया ठाकुर की रिपीटेशन को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 13 दिसंबर सुनवाई की तारीख तय की.
- तारीख 14 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गई थी
- फिर 15 दिसंबर सुनवाई की तारीख तय हुई
- 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि पंचायत चुनाव संविधान के हिसाब से हों तो ही कराएं और संविधान के खिलाफ है तो उन्हें रद्द करें
- चुनाव रद्द करने का फैसला राज्य निर्वाचन आयोग ले
- इसके साथ ही पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण समाप्त करने के निर्देश दिए
- जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए होने वाली आरक्षण की प्रक्रिया की तारीख 18 दिसंबर की गई
- लेकिन 17 दिसंबर को इसे पूरी तरह से स्थगित कर दिया गया
- इससे पहले 7 दिसंबर 2021 को ग्वालियर खंडपीठ ने भी अंतिम राहत का आवेदन निरस्त कर दिया था
कैसे शुरु हुआ विवाद
21 नवंबर 2021 को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर पंचायत चुनाव 2014 की आरक्षण रोस्टर और परिसीमन के आधार पर कराए जाने की घोषणा की थी.इसके बाद राज्य चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव के लिए 4 दिसंबर 2021 को अधिसूचना जारी कर पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था. लेकिन कांग्रेस ने इस पर ऐतराज जताया. कांग्रेस का कहना है कि नए परिसीमन और नए रोटेशन के आधार पर चुनाव होने चाहिए. इस मुद्दे पर कांग्रेस ने अदालत का रुख किया था. (BJP Vs congress on mp panchayat chunav)