भोपाल । चुनाव में पैसे का दुरुपयोग रोकने के लिए चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान खर्च की सीमा तय की है No limit on panchayat poll expense. लेकिन आने वाले मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव के दौरान पैसे खर्च करने पर कोई रोक नहीं होगी यानी उम्मीदवार जितना चाहे उतना पैसा खर्च कर सकता है उससे कोई पूछताछ नहीं होगी और न ही किसी तरह का हिसाब मांगा जाएगा. खासबात ये है कि मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने नगर पंचायत, नगर पालिका और निगम के अध्यक्ष और महापौर के लिए खर्च की सीमा तय कर रखी है लेकिन त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खर्च की कोई सीमा निर्धारित नहीं की गई है. मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव बी एस जामोद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के लिए खर्च की कोई सीमा तय नहीं की गई है.
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव का ऐलान होते ही सरगर्मी बढ़ गई है. भावी उम्मीदवार तैयारियों में जुट गए हैं. यूपी बिहार जैसे राज्यों में जहां पंचायत चुनाव में अधिकतम खर्च की सीमा तय है मध्य प्रदेश में ऐसी कोई लिमिट तय नहीं की गई है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उम्मीदवार जितना चाहें पैसे खर्च कर सकते हैं यानी चुनाव में पानी की तरह पैसा बहता देखा जाएगा.हालांकि निर्वाचन आयोग ने कुछ गाइडलाइन्स तय की हैं जिनका पालन करना ज़रूरी होगा
उम्मीदवारों को इन नियमों का पालन करना होगा ज़रूरी
निर्वाचन आयोग ने भले ही प्रचार के लिए खर्च की सीमा नहीं रखी है लेकिन उम्मीदवारों के लिए कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा (poll campaign with strict guidelines). प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार के लिए इन नियमों का पालन करना होगा--
- सभा, रैली ,जुलूस के आयोजन से पहले सक्षम अधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा
- मतदान से 48 घंटे पहले सार्वजनिक सभा, जुलूस ,रैली पर प्रतिबंध रहेगा
- प्रचार के दौरान कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करना अनिवार्य होगा
नामांकन के समय जिला पंचायत सदस्य के लिए ₹8000, जनपद पंचायत सदस्य के लिए ₹4000, ग्राम पंचायत सरपंच के लिए ₹2000, ग्राम पंचायत पंच के लिए ₹400 जमा करने होंगे जबकि SC,ST अन्य पिछड़ा वर्ग और महिला उम्मीदवारों के लिए इसकी आधी राशि जमा करनी होगी.
इनके लिए है चुनाव खर्च की सीमा
निर्वाचन आयोग ने नगर पंचायत, नगर पालिका और निगम के अध्यक्ष और महापौर के लिए खर्च की सीमा तय कर रखी है. आइए जानते हैं खर्च की कितनी लिमिट तय की गई है-
1.नगर पंचायत के पार्षद के लिए खर्च की सीमा ₹75,000
2.10 लाख आबादी से ज़्यादा वाले महानगरों के पार्षद के लिए ₹8,75,000,