भोपाल।प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव होने में अभी काफी वक्त है. इससे पहले नगरीय निकाय चुनाव (Nagar Nikay Election) राजनीतिक दलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय के चुनावों की तैयारी को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है, वहीं इन चुनावों को लेकर कांग्रेस (Congress) पिछड़ती नजर आ रही है. जानकारों का मानना है कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव विधानसभा चुनाव के ट्रायल होंगे, जिनके जरिए दोनों दलों को जनता के मन की बात टटोलने का मौका मिल पाएगा.
ट्रायल में भी झोंकना होगी ताकत
भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में नगरीय निकायों की तैयारी को लेकर चर्चा की गई, साथ ही आगे की रणनीति बनाई गई. नगरीय निकाय चुनाव को भाजपा बिल्कुल हल्के में नहीं लेना चाहती है. वहीं कांग्रेस इन चुनावों के जरिए अपनी ताकत आजमाएगी औऱ देखना चाहेगी कि जमीन पर उसके कार्यकर्ता कितने उत्साहित हैं.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक गिरीश उपाध्याय का मानना है कि नगरीय निकाय चुनाव एक तरह से ट्रायल होगा कि कोरोना के चलते भाजपा की लोकप्रियता में कितना प्रभाव पड़ा है. कांग्रेस में इसकी तैयारी नजर नहीं आती है, जैसा भाजपा ने शुरू कर दी है.
कांग्रेस नहीं बना पाई चुनावी माहौल
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनवरी में नगरीय निकाय चुनाव के प्रभारियों और सह प्रभारियों की बैठक ली थी. जनवरी में ही कांग्रेस के प्रभारी जिलों में गए थे और कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद भी किया था. इसके बाद चुनाव की तारीख आगे बढ़ जाने और कोरोना की दूसरी लहर आने से कांग्रेस चुनाव माहौल नहीं बना पाई.
कांग्रेस का आरोप, भाजपा कर रही केवल दिखावा