भोपाल। पिछले कुछ सालों से कांग्रेस से दूर रहे आदिवासियों का रुझान अब फिरसे कांग्रेस की ओर बढ़ चला है. हाल ही के चुनाव में मध्यप्रदेश में भले ही कांग्रेस का पत्ता पूरा साफ हो गया हो, लेकिन आदिवासी वर्ग ने उस पर भरोसा जताया है और यही वजह रही कि उसने आदिवासियों के देव स्थलों को तीर्थ स्थलों में शामिल करने का प्लान बनाते हुए कैबिनेट में पास कराया है.
आदिवासियों को प्रदेश सरकार की सौगात, कैबिनेट की बैठक में सीएम कमलनाथ ने लिया ये बड़ा फैसला - कैबिनेट में बढ़ सकते हैं आदिवासी चेहरे
प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को बढ़त मिली है और उसमें से 13 आदिवासी अंचल की है. कांग्रेस सरकार ने भी आदिवासी वर्ग के सॉफ्ट कॉर्नर को भांपते हुए उन पर सौगातों की बौछार करते हुये आदिवासी देव स्थानों को तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही इनको स्थान को संरक्षित करने का 5 अनुसूची में शामिल करने का फैसला कर लिया.
आदिवासियों को कांग्रेस की सौगात
लोकसभा चुनाव में भले ही जनता ने मोदी को जीता या हो लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस पर भरोसा सिर्फ आदिवासी वर्ग ने जताया है. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को बढ़त मिली है और उसमें से 13 आदिवासी अंचल की है. कांग्रेस सरकार ने भी आदिवासी वर्ग के सॉफ्ट कॉर्नर को भांपते हुए उन पर सौगातों की बौछार शुरू कर दी है. चुनाव के ठीक बाद हुई पहली कैबिनेट में सरकार ने आदिवासी देव स्थानों को देव स्थलों को तीर्थ दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही संरक्षित करने का फैसला कर लिया है.
कैबिनेट में बढ़ सकते हैं आदिवासी चेहरे
इस वोट बैंक को देखते हुए कमलनाथ सरकार के अगले कैबिनेट विस्तार में कुछ नए आदिवासी चेहरों को शामिल किया जा सकता है. विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 सीटों में से कांग्रेस ने 31 पर जीत दर्ज की है. 15 सीटें बीजेपी के कब्जे में हैं, एक पर निर्दलीय है. 148 सामान्य सीटों में से 66 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. लोकसभा चुनाव में इन 66 सामान्य सीटों में कांग्रेस सिर्फ 7 सीटों पर बढ़त कायम रख पाई.