भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (MP BJP Meeting) ने दमोह उप-चुनाव और फिर हुए चार उप-चुनावों (MP By-Election) से सामने उभरी तस्वीर से सबक लिया है. यही कारण है कि आगामी वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा (MP Assembly Election 2023) के चुनाव के लिए जमीनी फीडबैक जुटाना शुरु कर दिया है. इसी सिलसिले में हो रही विधायकों और संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में राज्य की नौकरशाही पर सवाल उठाए जा रहे हैं. साथ ही सरकारी मशीनरी के कामकाज से पार्टी और सरकार की छवि भी बेहतर न बनने की बात कही जा रही है. राज्य में भाजपा ने दो दिवसीय भाजपा विधायकों की फीडबैक बैठक बुलाई. इसमें पार्टी बड़े पदाधिकारी राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तमाम विधायकों व मंत्रियों से संवाद कर रहे हैं. संभागवार तो वहीं एक-एक विधायक व मंत्री से संवाद का क्रम जारी है.
विधायकों-मंत्रियों और नौकरशाहों के बीच सामन्जस्य नहीं
भाजपा को सत्ता में वापसी किए डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, मगर विधायकों और मंत्रियों का नौकरशाहों (MP bureaucrats) के बीच सामन्जस्य नहीं बन पा रहा है. नौकरशाहों के रवैये को लेकर विधायक व मंत्रियों में नाराजगी भी है. भाजपा सूत्रों की मानें तो कई विधायकों और मंत्रियों ने सीधे तौर पर नौकरशाहों से महत्व न मिलने की पीड़ा से संगठन प्रमुखों और मुख्यमंत्री चौहान को अवगत कराया और शिकायतें भी की. विधायकों ने यहां तक कह दिया कि कई अधिकारी तो उनसे संवाद और उनके क्षेत्र के काम पर बात तक करने को तैयार नहीं होते. इसके साथ ही विधायकों ने तो यहां तक चेताया कि अगर नौकरशाहों की कार्यशैली में बदलाव नहीं आया तो सबसे पहले पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है, इसके साथ ही वर्ष 2023 के चुनाव (MP Assembly Election 2023)पर भी असर पड़े तो अचरज नहीं होना चाहिए.
बैठक में होगा आगामी कई संभावित फैसलों पर विचार