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2 सप्ताह बाद भी नहीं हो सकी आरिफ मसूद की गिरफ्तारी, पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को लेकर राजधानी के इकबाल विरोध प्रदर्शन करने के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की 2 सप्ताह बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. मसूद की गिरफ्तारी को लेकर भोपाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं.

Arif Masood
आरिफ मसूद

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Published : Nov 15, 2020, 8:25 AM IST

Updated : Nov 15, 2020, 11:17 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की 2 सप्ताह बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. मसूद की गिरफ्तारी को लेकर भोपाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं. बताया जा रहा है कि विधायक आरिफ मसूद भोपाल में ही है. इसके बाद भी पुलिस विधायक को गिरफ्तार करने में असफल नजर आ रही है.

पुलिस पर उठे सवाल
भोपाल हैं विधायक आरिफ मसूद !बताया जा रहा है कि विधायक आरिफ मसूद भोपाल में ही है. बिहार चुनाव में प्रचार करने के बाद आरिफ मसूद भोपाल लौट आए थे और फिलहाल भोपाल में ही हैं. हालांकि पुलिस ने उनके शिवाजी नगर स्थित सरकारी आवास और उनके शाहजहानाबाद स्थित घर और दफ्तर पर दबिश भी दी थी. लेकिन मसूद पुलिस को मिले ही नहीं. दूसरी तरफ से इस मामले में भोपाल जिला अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक आरिफ मसूद भोपाल में ही कहीं छिपे हुए हैं. लेकिन पुलिस को उनका कोई सुराग हाथ नहीं लग रहा है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एफआईआर दर्ज करने के बाद से ही इस मामले में आरोपियों की तलाश की जा रही है और पुलिस की अलग-अलग टीमें तलाश में जुटी हुई है.बीजेपी कांग्रेस नेता एक दूसरे पर लगा रहे आरोप


इधर इस मामले को लेकर सियासत भी लगातार गरमाती जा रही है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी का साफ कहना है कि कांग्रेस में ऐसे अपराधियों की भरमार है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति कभी भी कानून से ऊपर नहीं हो सकता. इसलिए सभी को भारत के संविधान की मर्यादाओं में रहते हुए काम करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे अराजक तत्वों पर तो कांग्रेस आलाकमान को खुद ही कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन कार्रवाई नहीं करने पर कांग्रेस का चरित्र उजागर हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस प्रवक्ताओं का कहना है कि बीजेपी विधायक आरिफ मसूद के पुराने अपराधियों की बात करती है. अगर ऐसा ही था तो बीजेपी ने पिछले 15 सालों में मसूद के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की.

क्या है मामला

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून पर एक टिप्पणी की थी. जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील कर रहा था. मुस्लिम समुदाय के रहनुमाओं का कहना है कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे तब तक इसी तरह के आंदोलन विश्व भर में जारी रहेंगे. फ्रांस में हुए कार्टून विवाद के बाद कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भोपाल के इकबाल मैदान में बड़ी संख्या में लोगों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद विधायक पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया.

इस मामले में प्रशासन का कहना था कि इस प्रदर्शन के लिए आरिफ मसूद को केवल 30 लोगों की अनुमति दी गई थी, लेकिन देखते ही देखते इकबाल मैदान में हजारों की भीड़ इकट्ठा हो गई और कोरोना गाइडलाइन की भी जमकर धज्जियां उड़ाई गई. जिसके बाद पुलिस ने मसूद समेत 2 हजार लोगों के खिलाफ धारा 188 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था. इसके ठीक 3 दिन बाद एक आवेदक की शिकायत पर आरिफ मसूद समेत छह लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 153 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही आरिफ मसूद फरार हैं, तो वहीं उनके तीन साथियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

Last Updated : Nov 15, 2020, 11:17 AM IST

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