भोपाल।मध्य प्रदेश आजाद अध्यापक शिक्षक संघ ने आंदोलतन की चेतावनी दी है. संघ के अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि 13 सितम्बर से इसका आगाज किया जा रहा है. भोपाल के पास सुखी सेवनिया से हजारों की संख्या में शिक्षक भोपाल में एकत्रित होंगे और मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी करेंगे. अगर मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जाएगी. ये सभी पुरानी पेंशन, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान सहित अन्य लंबित मांगों को लेकर आक्रोशित है. (Bhopal Deadline declared for demands 13th)
Bhopal teacher strike भोपाल शिक्षक हड़ताल पर जाने की तैयारी में, मांगों के लिए 13 तारीख डेड लाइन घोषित की, मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी करेंगे
मध्य प्रदेश सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आंगड़वाड़ी कार्यकर्ताओं के बाद अब शिक्षकों ने भी हड़ताल की चेतावनी दे दी है. शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार ने लंबित पड़ी उनकी मांगों को नहीं माना तो वह 13 सितम्बर से हड़ताल पर चले जाएंग. साथ ही उन्हाेंने मुख्य मंत्री आवास घेरने और अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी चेतावनी दी है. (Bhopal teacher strike)
सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगेः प्रदेश के शिक्षक एक बार फिर सरकार के खिलाफ लामबंद होने जा रहे हैं. इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है. अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल का कहना है कि सरकार बार-बार अध्यापकों के साथ छलावा कर रही है. ऐसे में 13 सितम्बर से यह सभी हड़ताल पर चले जाएंगे. शिक्षकों का कहना है सरकार बार बार आश्वासन दे रही है. लेकिन काफी अर्से से लंबित कई मांगों में से एक को भी पूरा नहीं किया गया है. इसको लेकर सभी आक्रोषित हैं. (Bhopal also gherao Chief Minister's residence) (Bhopal teacher also warn for indefinite strike)
नहीं मिल रही धरना प्रदर्शन की अनुमतिः संघ के प्रदेश अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि उन्होंने अपने आंदोलन और धरना प्रदर्शन के लिए सरकार से परमिशन मांगी है. अधिकारी बार बार हीला हवाली कर रहे हैं. पहले भी कई बार इन्होंने परमिशन मांगी थी. जानबूझकर अनुमति नहीं दी जा रही है. इससे साफ है कि सरकार अध्यापकों की आवाज दबाना चाहती है. ऐसे में अगर अनुमति मिलती है, तो उस स्थान पर प्रदर्शन किया जाएगा. अगर नहीं मिली तो भोपाल के पास सुखी सेवनिया में एकत्रित होकर हम सभी रैली की शक्ल में सीएम हाउस का घेराव करेंगे. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक साल का समय बचा है. ऐसे में 2018 से सभी अध्यापक पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं. इस प्रक्रिया में 6 से 8 महीने लगते हैं. इसलिए सरकार को अभी से इनकी मांगों पर ध्यान देना चाहिए. अन्यथा कुछ समय बाद सत्ता पक्ष, विपक्ष दोनों चुनावों में लग जाएंगे और अध्यापकों की मांग सिर्फ घोषणा पत्र तक ही सीमित रह जाएगी. (Bhopal teacher strike) (Bhopal Deadline declared for demands 13th)