भोपाल। गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाली पुस्तकों का विमोचन किया. इसके साथ गृहमंत्री ने कहा कि अब जल्द ही 8 क्षेत्रीय भाषाओं में और शुरू होगी एमबीएसएस की पढ़ाई. उनके कोर्स पर भी काम जारी है. रिसर्च एंड डेवलवमेंट का काम भी अब स्थानीय भाषा में होगा. इधर मेडिकल से जुड़े स्टूडेंट्स हिंदी में पाठ्यक्रम होने पर काफी खुश नजर आए. उनका कहना था कि इससे उनको मरीजों से बात करने में आसानी होगी.
स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा आज का दिन हमने प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा कियाः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. मध्यप्रदेश ने जिस तरह से मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करके मोदी जी के संकल्प को पूरा किया है. उससे हमें एक दिशा और भरोसा मिला है. देश भर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई 8 भाषाओं में शुरू करने की तैयारी हो रही है. पुस्तकों के लेखन का कार्य आरम्भ हो चुका है. अब छात्रों को अपनी भाषा में पढ़ाई करने के लिए बीजेपी की सरकार अपने कदम आगे बढ़ा रही है. मोदी जी की नई शिक्षा नीति को सही ढंग से मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने जमीन पर उतारा हैं.
हमने प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा किया मातृभाषा का होता गहरा असरः किसी भी व्यक्ति की सोचने के लिए क्षमता अपनी मातृभाषा में अधिक होती है. यदि आप किसी व्यक्ति से उसकी भाषा में बात करते हो तो वह बात उसके दिल तक जाती है. पढ़ाई लिखाई और अनुसंधान अपनी मातृभाषा में हो तो विद्यार्थी विश्व में अपनी मातृभाषा में डंका बजा कर आएगा. आपकी मातृभाषा में पढ़ाई करवा कर आपकी ब्रेन क्षमता को आगे बढ़ाएंगे. यूजीसी नेट की परीक्षाओं अब 22 भाषाओं में दे सकते हैं. आप अपनी मातृभाषा में अपनी क्षमताओं का अच्छी तरह से प्रदर्शन कर सकते हैं. मोदी जी ने विश्व के किसी भी मंच पर जाकर अपनी मातृभाषा में ही संदेश दिया है. 2013-14 में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी. अब आज यह बढ़कर 596 कॉलेज हो गए हैं. यदि मातृभाषा में पढ़ाई होती है तो बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है. (hindi mbbs books launch by amit shah) (amit shah visit bhopal )
हिंदी में पढ़ाई गरीब बच्चों के लिए उजाला लाएगी-शिवराज सिंहःमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का दिन काफी अद्भुत और ऐतिहासिक है. अब चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई हिंदी में होगी. गरीब परिवारों के बेटा-बेटी जो हिंदी माध्यम में मेडिकल कॉलेज में पहुंच तो जाते थे, लेकिन अंग्रेजी के चलते फेल हो जाते थे. इतना ही नहीं हीन भावना से ग्रसित हो जाते थे. इसके चलते कई प्रतिभाशाली बच्चे मेडिकल की पढ़ाई छोड़ देते थे. अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करने वाली है हिंदी की पढ़ाई. गरीब बच्चों की जिंदगी में एक प्रकार से नया उजाला लेकर आएगी यह हिंदी में पढ़ाई. आज ऐसे बच्चों की जिंदगी में सवेरा लेकर अमित शाह और मोदी जी लेकर आए हैं. (bhopal cm shivraj singh mbbs hindi)
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प्रधानमंत्री मोदी ने देश की मानसिकता को बदलाः हिंदी में पढ़ाई आजादी के बाद ही शुरू हो जानी चाहिए थी. आज पूरा मध्य प्रदेश प्रसन्न है. मेरा एक सपना साकार हो रहा है. जिन पर देश चलाने की जिम्मेदारी थी. उन्होंने आज तक अंग्रेजी बोलोगे इज्जत बढ़ जाएगी, इस तरह का माहौल बना कर रखा था. अंग्रेजी बोलो तो इंप्रेशन बढ़ता है. उस इंप्रेशन के चक्कर में मारे गए. हमने अपने महापुरुषों को भी अपमानित किया. अंग्रेजी के चलते तात्या टोपे नगर टीटी नगर हो गया. गांधी मेडिकल कॉलेज जीएमसी हो गया. इंग्लिश मीडियम स्कूलों की बाढ़ आ गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की मानसिकता को बदला है. जब विदेशों में अपनी भाषा में पढ़ाई हो सकती है, तो भारत में अपनी भाषा में पढ़ाई क्यों नहीं हो सकती है. प्रधानमंत्री के संकल्प को मध्य प्रदेश पूरा करेगा. आने वाले समय में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज में भी हिंदी में पढ़ाई होगी. आईआईटी और आईआईएम की पढ़ाई भी हिंदी में करवाएंगे. उन्होंने पाप किया जिनकी जिम्मेदारी थी, आज़ादी के बाद देश चलाने की. उनका तन और मन अंग्रेजी था. (bhopal cm shivraj singh mbbs hindi)
हिंदी में पढ़ाई वालों की मेरिट लिस्ट भी अलग बनेगीः हिंदी में पढ़ाई वालों को अब हीन भावना का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्हें आगे बढ़ने और पढ़ने से अब कोई नहीं रोक पाएगा. अब डॉक्टर गांव-गांव तक जाएंगे. डॉक्टरी और मेडिकल का पर्चा भी हिंदी में लिखेंगे. आरएक्स की जगह श्रीहरि लिखेंगे यह मैंने एक पत्रकार को बताया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री अमित शाह को बधाई को भी बधाई दी. बोले कि अब हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की शुरुआत हो गई है. बल्लभ भवन में जब हमने इसको लेकर शुरुआत की तो कुछ लोग इधर मुंह करके मुस्कुराया गए थे. कुछ लोग चैलेंज कर रहे थे ये हो नहीं सकता की हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई हो सके. मगर हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को पूरा करने में कामयाब हुए हैं. दूसरी ओर मेडिकल से जुड़े स्टूडेंट्स हिंदी में पाठ्यक्रम होने पर काफी खुश नजर आए उनका कहना था कि इससे उनको मरीजों से बात करने में आसानी होगी. (bhopal shivraj hindi student merit list)