ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे है. वैसे-वैसे राजनितिक दलों को किसान के मुद्दे याद आने लगे है और याद भी क्यों नहीं. विधानसभा हो या लोकसभा चुनाव सभी में किसान हमेशा निर्णायक भूमिका निभाता रहा है. ग्वालियर चंबल संभाग में भी किसान अपने वोट के भूते पार्टियों के समीकरण बनाते और बिगाड़ते रहे हैं.
संभाग की ग्वालियर लोकसभा सीट पर अनुमानन 50 फ़ीसदी किसान वोटर हैं. इसके अलावा मुरैना-भिंड और गुना लोकसभा सीट पर 75 से 78 फ़ीसदी ग्रामीण किसान मतदाता है. लिहाजा सभी राजनितिक दलों की निगाहें इन किसान के वोट बैंक पर है.
किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए बीजेपी प्रवक्ता ने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ का पिछले तीन महीने के कार्यकाल घोर निराथाजनक रहा है. किसान, बेरोजगारी और महिलाओं के मुद्दे पर कमलनाथ सरकार की पोल खुल चुकी है. वे यह कहने से भी पीछे नहीं हटे कि कमलनाथ अति निष्क्रिय मुख्यमंत्री है.
वहीं कमलनाथ को अब तक का सही मुख्यमंत्री बताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जो पार्टी ने वचन पत्र में किसानों के लिए वादे किए थे. वो हमने निभाए है. कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के 25 लाख किसानों का कर्जा माफ किया है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी ने को जुमलेबाज पार्टी करार दिया. कांग्रेस नेता ने शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए किसान मामलों में कितने घपले हुए है. हम आगे भी किसानों के लिए कल्याणकारी योजना लेकर आएंगे.
दोनों ही दलों पर बोलते हुए वरिष्ट पत्रकार ने जानकारी देते हुए कहा कि सवाल यह नहीं है कि किसान का कर्ज माफ हुआ है या बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि प्रदेश के कितने किसानों का भला हुआ है. तीन बार कर्ज माफी हो चुकी है और बार ब्याज माफ हो चुका है इसके बाद भी किसान आत्महत्या क्यों कर रहा है. दरअसल राजनैतिक दल चाहते ही नहीं है कि किसानों का भला हो.