शहडोल। शहडोल संभाग आदिवासी अंचल के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही उपजाऊ जमीन के लिए यहां की एक खास विशेषता है. लेकिन जिले में किसानों के लिए बढ़ता तापमान एक बड़ी मुसीबत बन हुआ है. जिसके चलते फसलों को कई तरह से नुकसान हो रहा है. ऐसे में किसान अपनी फसलों को कीड़ों से कैसे बचाएं और क्या सावधानियां बरतें. इस जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह.
खेती पर जानकारी देते कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद्र सिंह वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. मृगेंद्र सिंह बताते हैं कि गर्मियों के इस सीजन में आम की यहां पैदावार अच्छी होती है. इस सीजन में मिलीबग और रसचूसक कीड़ों से बचने की जरूरत होती है. पेड़ पौधों के आस-पास साफ सफाई रखें और इरिगेशन से सिंचाई समय-समय पर करते रहें और अगर ऐसी कोई दिक्कत आती है तो फालिडाल पाउडर का छिड़काव करें.
इसके अलावा हमारे यहां अमरूद फसल अहम है हालांकि अभी रेस्टिंग पीरियड चल रहा है, ये सही समय है अमरूद के पेड़ों की हल्की कटाई कर दें, क्योंकि अमरूद नए शाखाओं में ही ज्यादा आते हैं और सिंचाई पूरी तरह से रोक दें. किसी भी हालत में उसे पानी न दें. लेकिन नौतपा के बाद उसमें खाद और पानी दिया जा सकता है. शहडोल अंचल में कद्दू की खेती अधिक मात्रा में होती है साथ ही लौकी, कुम्हड़ा, खीरा, ये सारी सब्जियां हैं इन सब्जियों में सबसे ज्यादा जो देखने को आया है, कि इनमें फल मक्खी का प्रकोप ज्यादा होता है कई बार इससे फल भी सूखते हैं और नार भी सूखती है और इस तरह के मक्खी में दवाइयां उतनी प्रभावकारी नहीं होती हैं. ज्यादा प्रकोप हो तो उसके लिए फेरोमेन ट्रैप खेती में उपयोग किया जा सकता हैं. एक एकड़ में करीब 5 फेरोमेन ट्रैप लगाएं, इसके अलावा किसी चौड़े बर्तन में गुड़ का घोल थोड़ा सा सिरका कोई इंसेकटिसाइड मेलाथियान आदि मिलाकर एक एकड़ में 8 से 10 जगह रखें. इस उपयोग से जितने भी कीड़े होंगे वह चिपक कर मर जाते हैं.
इसके अलावा नींबू में कैंकर हो या फिर सूखी डालियां हों रोग ग्रस्त हों उसके कटाई का भी सही समय है.