कोरोना की जद में है प्रकृति का महापर्व सरहुल, शोभायात्रा नहीं निकालने पर आदिवासी समाज ने भी जतायी सहमति
सरहुल महापर्व को लेकर आदिवासियों में उत्साह तो है लेकिन शोभायात्रा नहीं निकाले जाने का मलाल इनके चेहरे पर साफ झलक रहा है. बीते साल भी कोरोना ने कई पर्व से इनकी रौनक छीन ली थी इस साल भी कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. हालांकि, पूरे पारंपरिक रीति रिवाज से सरना स्थल पर पूजा की जाएगी, अच्छे साल की कामना की जाएगी, बस जुलूस नहीं निकाला जाएगा. केंद्रीय सरना समिति और अन्य आदिवासी संगठनों ने राज्य सरकार के जारी किए गए निर्देश पर सहमति जताते हुए शोभायात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया है.