ट्रायबल यूथ फेस्ट का आगाज, आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए आगे आया युवा वर्ग
आदिवासियों की कला संस्कृति देश के समृद्धम संस्कृतियों में से एक है. यही वजह है कि प्राचीन काल से चली आ रही आदिम नृत्य संगीत और चित्रकला आज भी जीवंत है. इस जीवंतता के पीछे इस समाज में कहीं ना कहीं अपने संस्कृति और सभ्यता के प्रति समर्पण को मानी जाती है. जिसे पीढी दर पीढी आदिवासी समाज बचाकर रखने में कामयाब होता रहा है. इसी उद्देश्य के साथ शनिवार से राजधानी रांची में दो दिवसीय ट्रायबल यूथ फेस्ट (Tribal Youth Fest) का आगाज हुआ. रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत मंडप में चल रहे इस ट्रायबल यूथ फेस्ट में दो दिनों के अंदर आदिवासी संस्कृति और सभ्यता की झलक देखने को मिल रही है. दो दिवसीय इस ट्राइबल यूथ फेस्ट के दरमियान आदिवासी खान-पान से लेकर ट्राइबल गीत संगीत का आनंद आपको मिलेगा. शनिवार को उद्घाटन के बाद इस ट्रायबल यूथ फेस्ट में युवाओं की भीड़ लगी रही. आदिवासियों के खानपान, आभूषण, पारंपरिक हथियार, वेशभूषा, श्रृंगार के साधन आदि से संबंधित स्टॉल पर युवाओं की भीड़ देखी गई. इंडीजेनस वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से आयोजित इस ट्रायबल यूथ फेस्ट में फैशन शो, फॉक डांस,रौक शो,छउ,पायका आदि जनजाति नृत्य प्रस्तुत किए जायेंगे.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:32 PM IST