Khunti Foundation Day: 16 साल बाद भी नहीं बदला खूंटी का नजारा, अफीम की खेती ही बना रहा रोजी रोटी का सहारा
Published : Sep 12, 2023, 10:12 PM IST
|Updated : Sep 13, 2023, 12:25 PM IST
खूंटी: आज अपने 16 सावन खूंटी ने पूरे कर लिए. 16 बसंत पूरा करने के बाद भी खूंटी की उम्मीदें आज भी जहां अटकी है, वह किसी भी मानवीय व्यवस्था के लिए शर्मसार करने वाली ही है. आज भी खूंटी की एक बड़ी आबादी अपना पेट पालने के लिए अफीम की खेती पर निर्भर है, यह हम नहीं कह रहे जिले के डीसी का कहना है. समाज में यह बात कही जाती है कि अगर कोई 16 साल का हो गया तो घर का दुख दर्द बांट लेता है. समाज को अपने काम से दिशा देता है लेकिन 16 साल पूरा होने के बाद खूंटी जहां खड़ा है, उसमें विचार करने वाला विषय यही है कि अगर खूंटी के लोगों को 2 जून की रोटी जुटाना है तो उसके लिए अफीम की खेती करनी होगी. मां की दवा लानी है तो अफीम की खेती करनी ही होगी. बच्चों के बस्ते में किताब डालना है तो अफीम के कारोबार से जुड़ना होगा. यह खूंटी के लोगों की नीयति बन गई है. नेता बात तो बड़ी-बड़ी करते हैं लेकिन हकीकत यही है कि जिस भगवान बिरसा मुंडा की याद में बहुत कुछ चीजे गढ़ी और कही जाती हैं उनके जिले का हाल यही है कि 2 जून की रोटी के लिए अफीम की खेती करना मजबूरी है.