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VIDEO: अन्नकूट पर रांची के तपोवन मंदिर में लगा 56 भोग, जानें मान्यताएं

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Published : Oct 27, 2022, 11:02 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST

दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है. इस बार गुरुवार को अन्नकूट (Annakoot 2022) मनाया गया. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से यह प्रथा प्रारंभ हुई जो ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है. हालांकि, समय के साथ यह पूरे देशभर में मनाया जाने लगा. इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियों से भगवान को भोग लगाया जाता है. राजधानी रांची के तपोवन मंदिर में भगवान बांके बिहारी को 56 प्रकार का भोग बड़े ही उत्साह के साथ भक्तों ने लगाया (56 Bhog in Tapovan temple of Ranchi). महंत ओमप्रकाश शरण ने अन्नकूट के धार्मिक महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत ही पवित्र दिन है, जिसमें भक्त भगवान के समक्ष विविध प्रकार का भोग अर्पित कर ग्रहण करते हैं. इस मौके पर बड़ी संख्या में साधु संत के अलावे श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया. अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही दरिद्रता का नाश होकर मनुष्य जीवन पर्यंत सुखी और समृद्ध रहता है. ऐसा माना जाता है कि यदि इस दिन कोई मनुष्य दुखी रहता है तो वह वर्ष भर दुखी ही रहेगा इसलिए हर मनुष्य को इस दिन प्रसन्न रह कर भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय अन्नकूट उत्सव को भक्ति पूर्वक मनाना चाहिए.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:30 PM IST

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