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ट्रेन में बेहोशी की हालत में मिली महिला की 48 घंटों बाद हुई पहचान, रेलवे डॉक्टर ने देखना भी नहीं समझा था मुनासिब

रविवार को टाटा बड़बिल पैसेंजर(58103) ट्रेन की एक बोगी में बेहोशी की हालत में एक महिला यात्री को नोवामुंडी स्टेशन पर उतारा गया था, जिसकी पहचान 48 घंटे के बाद हो गई है. महिला की पहचान छोटा गंहरिया रोड नंबर 3 निवासी कामिनी चौधरी के रुप मे हुई है. वहीं, परिजनों ने बताया कि महिला मानसिक रुप से बीमार है.

Woman found unconscious in train in Chaibasa, identified 48 hours later
उक्त महिला

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Published : Jan 7, 2020, 1:56 AM IST

चाईबासा:टाटा बड़बिल पैसेंजर(58103) ट्रेन की एक बोगी में बेहोशी की हालत में एक महिला यात्री को नोवामुंडी स्टेशन पर उतारा गया था, जिसकी पहचान 48 घंटे बाद हो गई है. उक्त महिला की पहचान छोटा गंहरिया रोड नंबर 3 निवासी कामिनी चौधरी के रुप मे हुई है.

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खबरों के माध्यम से मिली जानकारी के आधार पर सोमवार को कामिनी चौधरी के पति और उनका बेटा आदेश चौधरी ने नोवामुंडी टाटा अस्पताल पहुंच कर उसकी पहचान की. उनके अनुसार महिला की मानसिक स्थिति कुछ कमजोर है. टाटा स्टील अस्पताल के चिकित्सकों के अथक प्रयास से कई घंटो के बाद उसे सोमवार को होश आ गया. फिलहाल उसकी स्थिति खतरे से बाहर है.

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बता दें कि रविवार को टाटा बड़बिल पैसेंजर में उक्त महिला बेहोशी की हालत में मिली थी. जिसे टाटा स्टील अस्पताल नोवामुंडी में गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया था. नोवामुंडी पहुंची महिला के परिजनों ने डॉ दीपक कुमार, अन्य चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन के साथ ही आरपीएफ के एएसआई आरके यादव एआरएम बिश्वजीत गांगुली के प्रति आभार व्यक्त किया है.

महिला की हालत बेहद नाजुक स्थिति में नोवामुंडी टिस्को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस दौरान उनके मुंह से झाग भी निकल रहा है. शनिवार को महिला टाटानगर स्टेशन से ट्रेन में अकेली सवार हुई थी. यात्रियों के सूचना देने पर महिला को डंगवापोषी स्टेशन पर रेलवे अस्पताल के एक फार्मशिस्ट जोगिंद्र कुमार ने महिला की जांच की, जबकि एसीएमएस डॉ जेपी महाली महिला की स्वास्थ्य जांच को स्टेशन नहीं पहुंचे. इस दौरान स्टेशन में आरपीएफ एएसआई आरके यादव और एआरएम विश्वजीत गांगुली मौजुद थे और उन्होंने ही नोवामुंडी टिस्को अस्पताल में भर्ती कराया था.

इस घटना से रेलवे के स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही भी नजर आई, जहां एक बीमार महिला रेल यात्री को डॉक्टर ने देखना भी मुनासिब नहीं समझा और न ही महिला को रेलवे का इलाज मिल पाया. जिसके बाद महिला को नोवामुंडी के टिस्को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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