झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

नक्सलियों ने की ग्रामीणों के साथ मारपीट, पुलिस पर भी लगा आदिवासियों को परेशान करने का आरोप

पश्चिमी सिंहभूम जिला में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ अभियान (Naxalite operation in West Singhbhum) लगातार चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में टोन्टो थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा ग्रामीणों के साथ मारपीट के मामले में पुलिस ने गांव पहुंचकर जख्मी लोगों से मिलकर उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराई. लेकिन दूसरी ओर 11 नवंबर की एक घटना का हवाला देते हुए पश्चिमी सिंहभूम डीसी अनन्य मित्तल से मिलकर झारखंड जनाधिकार महासभा का पुलिस पर आरोप है कि नक्सली ऑपरेशन के नाम पर सुरक्षा बलों ने चिरियाबेड़ा गांव में आदिवासियों से मारपीट की है.

Police accused of harassing villagers in name of Naxalite operation in West Singhbhum
पश्चिमी सिंहभूम जिला

By

Published : Dec 3, 2022, 6:58 AM IST

Updated : Dec 3, 2022, 8:02 AM IST

चाईबासा:पश्चिमी सिंहभूम जिला में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी नक्सलियों के खिलाफ अभियान के दौरान पुलिस जवानों के द्वारा ग्रामीणों के साथ मारपीट करने एवं अन्य कई गंभीर आरोप झारखंड जनाधिकार महासभा के सदस्यों ने लगाया है. इस संबंध में महासभा के सदस्यों ने जिला उपायुक्त से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. जबकि पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने प्रेस रिलीज जारी कर नक्सलियों के द्वारा ग्रामीणों की मारपीट करने की जानकारी दी है. साथ ही पुलिस जवानों के द्वारा घायल ग्रामीणों के चोट पर मरहम भी लगाया.

क्या है मामलाः पुलिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में उन्होंने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्रामीणों के साथ मार पीट की गई (Naxalites beat villagers in West Singhbhum) है. इस सूचना के बाद पुलिस जवानों ने गांव में पहुंचकर ग्रामीणों से जानकारी ली और ग्रामीणों की चोट पर मरहम लगाया. पुलिस जवानों को विभिन्न माध्यमों से यह सूचना प्राप्त हुई कि नक्सली संगठन के अजय महतो उर्फ बुद्धराम कांडे होनहागा, सोनाराम होनहागा, सागेन अंगरिया उर्फ श्याम अगरिया एवं अन्य दस्ता सदस्यों के द्वारा 15-20 की संख्या में टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम लोवाबेड़ा में कुछ ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई है.


इस अभियान के दौरान इस घटना की सत्यापन और आवश्यक कार्रवाई के लिए पुलिस बल के द्वारा ग्राम लोवाबेड़ा में जाकर आसूचना के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई. सत्यापन के क्रम में यह पाया गया कि यह घटना सत्य है. भाकपा माओवादी नक्सलियों के द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को परेशान और भयभीत करने के लिए मारपीट की गई है. पुलिस टीम के द्वारा सभी ग्रामीणों को उचित चिकित्सा सुविधा, दवाइयां एवं अन्य वस्तुएं उपलब्ध करायी गयी.

नक्सलियों के IED से ग्रामीण की हो गई थी मौतः विगत 20 नवंबर को ग्राम रेंगड़ाहातु टोन्टो थाना क्षेत्र के टाटीबेड़ा टोला के समीप जंगल में भाकपा नक्सलियों के द्वारा एक IED विस्फोट किया गया था. जिसमें टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम रेंगड़ाहातु के निवासी चेतन कोड़ा की मृत्यु हो गई थी. इस प्रकार की कायराना हरकत से दुगर्म ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों के द्वारा आम जनता को परेशान किया जा रहा है. जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सभी संयुक्त बलों के साथ आम जनता के सेवा के लिए सदैव तत्पर है. साथ ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगी.

झारखंड जनाधिकार महासभा का पुलिस पर आरोपः वहीं 11 नवंबर की एक घटना का हवाला देकर झारखंड जनाधिकार महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल पश्चिमी सिंहभूम डीसी अनन्य मित्तल से मिला. उन्होंने चिरियाबेड़ा के आदिवासी फिर से सुरक्षा बलों द्वारा हिंसा व छेड़खानी किए जाने की बात से अवगत कराया. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 11 नवंबर 2022 को चिरियाबेड़ा गांव (अंजेड़बेड़ा राजस्व गांव, सदर प्रखंड, पश्चिमी सिंहभूम) में सर्च अभियान के दौरान फिर से सुरक्षा बलों द्वारा निर्दोष आदिवासियों के साथ हिंसा की गयी (tribal beat by security forces in Chiriyabeda). झारखंड जनाधिकार महासभा, जो विभिन्न जन संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं का मंच है, द्वारा इस मामले का तथ्यान्वेषण किया गया था. इस विषय पर महासभा प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक से 2 दिसंबर 2022 को मिलकर चर्चा की.

उन्होंने बताया कि सर्च अभियान के दौरान गांव की कई महिलाओं समेत निर्दोष आदिवासियों की पिटाई की गयी, एक नाबालिग के साथ छेड़खानी की गयी और घरों में रखे समान को तहस-नहस किया गया. वृद्धा के घर में सुरक्षा बल के जवान घुस के सामान को बिखेर दिए. इसके साथ ही अन्य कई लोगों के साथ हिंसा की गयी. साथ ही एक नाबालिग को पेड़ से उतारकर पीटा तो उसे बचाने गयी उसकी मां को भी सुरक्षा बलों ने लात और बंदूक की बट से मारा.


झारखंड जनाधिकार महासभा की सरकार से निम्न मांगें:

• 11 नवंबर 2022 को चिरियाबेड़ा में लोगों पर हिंसा एवं नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी करने के दोषी सुरक्षा बल जवानों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज हो और न्यायसंगत कार्रवाई हो, इस प्रताड़ना के लिए पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए.


• 15 जून 2020 को इस गांव के लोगों पर हुए हिंसा के लिए दोषी सुरक्षा बल के विरुद्ध न्यायसंगत कार्रवाई की जाए व पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए.


• केवल संदेह के आधार पर या केवल माओवादियों को महज खाना खिलाने के लिए निर्दोष आदिवासी लोगों को माओवादी घटनाओं के मामलों में ना जोड़ा जाए.


• नक्सल सर्च अभियान की आड़ में सुरक्षा बलों द्वारा लोगों को परेशान न किया जाए और आदिवासियों पर हिंसा न किया जाए. लोगों पर फर्जी आरोपों पर मामला दर्ज करना पुर्णतः बंद हो.


• पांचवी अनुसूची क्षेत्र में किसी भी गांव के सीमा इलाके में सर्च अभियान चलाने से पहले ग्राम सभा व पारंपरिक ग्राम प्रधानों की सहमती ली जाए. स्थानीय पुलिस और सुरक्षा बलों को आदिवासी भाषा, रीति-रिवाज, संस्कृति और उनके जीवन-मूल्यों के बारे में प्रशिक्षित किया जाए और संवेदनशील बनाया जाए.


• बिना ग्रामीणों के साथ चर्चा किए व ग्राम सभा की सहमति के कैंप जबरदस्ती स्थापित न की जाए.

डीसी से मिलने पहुंचे महासभा प्रतिनिधिमंडल में जोहार, आदिवासी विमेंस नेटवर्क, आदिवासी यंगस्टर यूनिटी, झारखंड किसान परिषद समेत कई संगठन के प्रतिनिधि अंबिका यादव, एलिना होरो, कमल पूर्ति, मिली होरो, नारायण कांडेयांग, रमेश जेराई, रेयांस समाद, सोनल, सिराज शामिल रहे.

Last Updated : Dec 3, 2022, 8:02 AM IST

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details