चाईबासा: इन सभी के संदर्भ में जिले में लॉकडाउन के संदर्भ में क्या स्थिति प्रभावी होगी. इन्ही बातों को लेकर उपायुक्त अरवा राजकमल ने समाहरणालय स्थित सभागार में प्रेसवार्ता आयोजित कर दी. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि जिले में बाहर से आए जो प्रवासी मजदूर हैं चाहे वे इस जिले के या अन्य जिले से हों. क्वॉरेंटाइन के 14 दिनों की अवधि के पूर्ण होने के बाद भी वे यहीं रहेंगे.
संपूर्ण लॉकडाउन के नियम के तहत जिले से बाहर आवागमन के लिए मनाही है और जो जहां हैं वह 3 मई तक वहीं रहेंगे. क्वॉरेंटाइन की अवधि 14 दिन की है और क्वॉरेंटाइन की अवधि समाप्त होने के बाद, वे जिस केंद्र में रह रहे हैं उसको शेल्टर होम बनाया जाएगा. उनके लिए खाने-पीने और रहने की पूरी व्यवस्था होगी. किसी भी परिस्थिति में जिला छोड़कर नहीं जा सकते चाहे वह किसी भी जिले के हैं. शिक्षा, राजनीतिक, सामाजिक एवं मनोरंजन संबंधित सभी तरह के कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा. शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण संस्थान, कोचिंग संस्थान पर रोक रहेगी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विसेज जैसे बस रेलवे, फ्लाइट पर प्रतिबंध रहेगा.
उपायुक्त ने बताया कि आगामी 19 अप्रैल को असेसमेंट किया जाएगा. जिन जिलों को हॉटस्पॉट के रूप में नहीं पाया जाएगा, यानि कि जहां 15 से अधिक कोरोना पॉजिटिव केस नहीं हैं या आउटब्रेक की स्थिति नहीं होती है, संदिग्ध केस बहुत अधिक नहीं होते हैं वैसे जिलों को कुछ हद तक शिथिलता देने की बात माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा अपने संभाषण में कही गई है. 19 तारीख तक का समय जिले के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है. उपायुक्त ने बताया कि जिले में कोरोना का अब तक कोई भी पॉजिटिव मामला नहीं आया है. ऐसे में हमारी जिम्मेवारी और भी अधिक बढ़ जाती है.