रांचीः गिरिडीह नगर निगम के द्वारा अपने ही जूनियर इंजीनियर तालाही फिरोज को पद से हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत गिरिडीह नगर निगम के फैसले को गलत मानते हुए और एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए निगम की एलपीए याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही हटाए गए जूनियर इंजीनियर को शीघ्र सेवा में बहाल करने का आदेश दिया है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में गिरिडीह नगर निगम के द्वारा हटाए गए जूनियर इंजीनियर के मामले में दायर एलपीए याचिका पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीशों ने अपने-अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वहीं सरकार की अधिवक्ता और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोज टंडन ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनोज टंडन ने कहा कि 7 वर्ष से सेवा कर रहे जूनियर इंजीनियर को बिना विभागीय कार्रवाई के सेवा से हटा देना गलत है. वहीं सरकार के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जूनियर इंजीनियर की नियुक्ति ही गलत तरीके से हुई थी इसलिए उन्हें हटा देना सही था. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत नगर निगम की याचिका को खारिज कर दिया.