सिमडेगा: जिले का एक गांव है बरटोली, जो तीन ओर से नदी और एक तरफ से जंगल घेरा है. बारिश के दिनों में गांव टापू बन जाता है. लोगों को गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं, गांव में किसी की तबीयत खराब हो जाए, तो इलाज कराना मुश्किल हो जाता है. लोग जान जोखिम में डालकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं.
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पिछले सप्ताह मध्य रात्रि में बरटोली गांव की एक महिला की तबीयत बिगड़ी, तो परिजन कुर्सी पर लेकर इलाज के लिए कोलेबिरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद सिमडेगा सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. सदर अस्पताल में मरीज का इलाज हुआ.
बीमार तारावती देवी के पति बहादुर सिंह ने बताया कि बरटोली गांव तीन तरफ पानी और एक ओर घने जंगल से घिरा हुआ है. बारिश के दिनों में गांव टापू बन जाता है. गांव में कोई बीमार पड़ जाए तो नदी को पार कर ही स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मध्य रात्रि में पत्नी की तबीयत खराब होने लगी तो ग्रामीणों की मदद से नदी पार कर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे.
उन्होंने कहा कि बरटोली गांव की आबादी लगभग 200 की है. उन्होंंने कहा कि ग्रामीण सालों से विधायक, सांसद और जिला प्रशासन से पुल की मांग कर रहे हैं. लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है. एक पुल बन जाए तो बरटोली गांव के ग्रामीण आसानी से आवाजाही कर सकेंगे. सिविल सर्जन नवल कुमार ने बताया कि जिले के एक-एक व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है. इसे लेकर राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग संकल्पित हैं.