सिमडेगा: बैंक ऑफ इंडिया बोलबा जिसकी चर्चा पूरे जिले में है. कोविड-19 के जिले में बढ़ते संक्रमण के बावजूद शाखा प्रबंधक की तरफ से भीड़ जुटाई जा रही है. इस कोरोना काल में भी शाखा प्रबंधक रविकांत सिंह अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहे. ग्रामीण कई किमी दूर से चलकर बैंक पहुंचते हैं, लेकिन शाम तक इंतजार करने के बावजूद उन्हें बिना काम हुए ही वापस लौटना पड़ता है. बैंक ऑफ इंडिया के प्रांगण में सुबह करीब 10:30 बजे से खाता धारकों की भारी भीड़ देखी जाती है, जहां सामाजिक दूरी की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थी.
सिमडेगा: बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक की मनमानी, ग्रामीणों को हो रही परेशानी
सिमडेगा जिले में गुरुवार को बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक के मनमानी करने का मामला सामने आया है. बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया में रोज ग्रामीण सुबह से ही आ जाते हैं, लकिन फिर भी उनका काम नहीं हो पाता है. वहीं इस दौरान बैंक में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया जा रहा है.
बैंक में नए मैनेजर आने से काम ठप
इस मामले पर एलडीएम श्रीकांत ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया में कोशिश कर रहा हूं कि पैसा कि लेन देन के लिए दो काउंटर की व्यवस्था हो सके. मौके पर उपस्थित सैकड़ों कि संख्या में महिलाओं ने कहा कि घर का अनाज एवं महूआ को बेचकर प्रखंड मुख्यालय के बैंक ऑफ इण्डिया आते हैं. पर हफ्ते भर एक ही काम के लिए दौड़ना पड़ता है. वहीं कहा कि लास्ट में थक-हारकर प्रखंड के ऑनलाइन दूकानों में जाना पड़ता है. अपने ही पैसे निकालने के लिए 1000 रुपये में 20 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जिससे हमे दोहरी मार पड़ती है. एक तरफ तो ऑटो वाले कोरोना बिमारी को लेकर भारी भरकम भाड़े वसुल रहे और दूसरी ओर अपने ही पैसे के निकासी के लिए एक्ट्रा चार्ज देना पड़ता है. ऐसे में हम गरीब का आर्थिक स्थिति दिन व दिन खराब हो रहा है. महिलाएं कहती है कि जब से ये मैनेजर आए है उसदिन से बैंक में काम ठप हो गया है.