सिमडेगा: जिला में कोलेबिरा थाना क्षेत्र के बेसराजरा बाजार के पास मॉब लिंचिंग (Mob Lynching In Simdega) में ग्रामीणों ने संजू प्रधान नामक व्यक्ति को जिंदा जला दिया. थाना प्रभारी रामेश्वर भगत ने बताया कि ग्रामीणों का आरोप है कि संजू (मृतक) जंगल से पेड़ काटकर बेच देता था. इसलिए ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर इस तरह की घटना को अंजाम दिया है.
इसे भी पढ़ें- Giridih Mob Lynching Case: 6 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, भेजे गए जेल
ये घटना मंगलवार दोपहर करीब 2:30 बजे की है. संजू प्रधान उसी गांव का ही रहने वाला था, जिस गांव में ये घटना सामने आई है. ग्रामीणों की मानें तो संजू प्रधान आए दिन जंगल से पेड़ों की कटाई करता था, जिससे ग्रामीण काफी नाराज चल रहे थे. उसे कई बार पेड़ों की कटाई करने से मना भी किया गया था. बावजूद उसने अपना कटाई का काम जारी रखा. घटना से पूर्व गांव में बैठक कर संजू को सबक सिखाने का निर्णय लिया गया. जिसके बाद संजू के घर जाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और फिर उसे घायल अवस्था में जलाकर मार दिया गया.
घटना की जानकारी मिलने पर कोलेबिरा पुलिस मौके पर पहुंची. लेकिन आक्रोशित सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पुलिस को गांव में घुसने ही नहीं दिया. भारी संख्या में मौजूद भीड़ को संभाल पाना उस वक्त मौजूद पुलिस बल के लिए संभव नहीं था. जिसके बाद 4 थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. फिर जाकर पुलिस लोगों को किनारे करते हुए घटनास्थल पर पहुंची. हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी, पुलिस के साथ पहुंची फायरब्रिगेड की गाड़ी की सहायता से अधजले शव को बरामद किया गया.
मॉब लिंचिंग का शिकार संजू की तस्वीर परिजन के रोने-गिड़गिड़ाने पर भी नहीं पसीजा आक्रोशित भीड़ का दिल
इस घटना के दौरान संजू के परिजन बार-बार छोड़ने की गुहार लगाते रहे. लेकिन परिजनों की गुहार और गिड़गिड़ाहट पर भी गुस्साए लोगों का दिल नहीं पसीजा. सिर पर खून सवार भीड़ ने संजू को बेरहमी से मार डाला. घटना के बाद पुलिस क्षेत्र में कैंप कर रही है. इस घटना से संजू के परिजन दहशत में है. वहीं इस खौफनाक घटना से गांव में सन्नाटा पसरा है.
मॉब लिंचिंग का शिकार संजू के परिजन इसे भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग पर कानून बनाने वाला चौथा राज्य बना झारखंड, जानिए स्पीकर, सीएम समेत किसने क्या कहा
पिछले महीने ही झारखंड विधानसभा में एंटी मॉब लिंचिंग बिल (Anti Mob Lynching Bill) पारित किया गया है. जिसमें ऐसी घटना को अंजाम देने तथा दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है. पूर्व में भी झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटनाएं होती रही हैं. हालांकि राज्य में एंटी मॉब लिंचिंग बिल पारित होने के बाद यह पहला मामला है. जिसमें इतनी बड़ी भीड़ द्वारा एक निहत्थे व्यक्ति को पहले पीट-पीटकर अधमरा कर दिया जाता है और फिर उसे जला दिया जाता है.