सिमडेगा: जलडेगा और बोलबा प्रखंड में पिछले दिनों से जंगली हाथियों का उत्पात जोरों पर है. हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा कर अपनी जान बचा रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो पिछले दस दिनों से 25 जंगली हाथियों का झुंड दल बनाकर आसपास के गांवों में विचरण कर रहे हैं. जो आये दिन खेत में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
सिमडेगा के बोलबा और जलडेगा प्रखंड में हाथियों के आतंक से लोग डर के साए में जीने को मजबूर है. इलाके में हाथियों के झुंड ने सैंकड़ों एकड़ में लगे फसलों को चट कर जा रहे हैं, तो बाकी फसलों को रौंद डालते हैं. वहीं वन विभाग की ओर से हाथी भगाओ दल का भी कोई खास फायदा ग्रामीणों को नहीं मिल रहा. वन विभाग के कर्मियों ने गांव में केरोसिन तेल, पटाखे, सुरक्षा उपकरण बांटे हैं.
इधर, जलडेगा के भितबूना ग्राम निवासी जेठू प्रधान, एतवा प्रधान, महेश प्रधान सहित कई ग्रामीणों के फसलों को नुकसान पहुंचने से मायूसी छायी है. गजराज के उत्पात से लोग काफी भयभीत है. आये दिन हाथियों के चपेट में आने से लोगों की जान चली जा रही है. तो दूसरी ओर बोलबा प्रखंड के लेटाबेड़ा, कच्छुपानी, बेहरिनबासा, कादोपानी, समसेरा आदि गांवों के ग्रामीण भी गजराज के आतंक से परेशान हैं.
ये भी पढ़ें-राहुल गांधी के रेप इन इंडिया के बयान पर जेपी नड्डा ने कहा- राहुल को वोट से चोट देकर आराम दे देना चाहिए
हाथियों के झुंड में शामिल छोटे-छोटे हाथी के बच्चे परेशानियों का सबब बने हुए हैं. हाथी के बच्चे छोटे-छोटे जगह में आसानी से घुस जाते हैं. जिन्हें निकालने के लिए बड़े हाथी वहां प्रवेश कर रहे हैं. जिससे लोगों को काफी नुकसान हो रहा. वहीं बताया जाता है ग्रामीण क्षेत्रों में महुआ से बने शराब की महक से हाथी गांव की ओर आकर्षित हो रहे हैं. जिस कारण लोगों को हाथी के उत्पात का सामना करना पड़ता है. इधर उपायुक्त मृत्युंजय बरणवाल ने सभी बीडीओ के साथ बैठक कर उचित कारवाई के दिशा निर्देश दिये है. जिससे ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा सके.