सिमडेगा:अंधविश्वास के कारण फिर एक जान चली गयी. घटना बुधवार रात की है, जहां सर्पदंश के बाद झाड़ फूंक के चक्कर में पड़कर एक आंगनबाड़ी सेविका की मौत (Death in Blind Belief) हो गयी. जानकारी के अनुसार मामला जिला के ठेठईटांगर थाना क्षेत्र के राजाबासा गांव का है. जहां सर्पदंश से आंगनबाड़ी सेविका प्रियंका लुगुन की मौत हो गई.
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कैसे हुई घटना: बताया जा रहा है कि प्रियंका लुगुन अपने घर में बेड पर सोई थी. इसी दौरान सांप ने उसे डंस लिया. जिसके बाद परिजन झाड़ फूंक (witchcraft after Snakebite) कराते रहे लेकिन, कोई सुधार नहीं हुआ. सुबह होते ही पीड़ित महिला को परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन, उसके पहले उसकी मौत (Death due to snakebite in Simdega) हो गई.
लोगों में जागरूकता की कमी:मालूम हो सर्पदंश को लेकर सरकार और जिला प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं ताकि, झाड़फूंक के चक्कर में पड़कर लोग अपनों की जान ना गवायें. इसके बावजूद लोग ये गलतियां कर देते हैं. बहुत कम मामलों में ऐसा देखने को मिलता है कि सांप काटने के बाद मरीज को समय पर अस्पताल लाया जाता है. जिससे उसका इलाज हो सके.
सर्पलोक सिमडेगा में आए दिन सर्पदंश से होती है मौत: सिमडेगा में सर्पदंश से मौत (Snakebite death in Simdega) की यह कोई पहली घटना नहीं है. आए दिन सर्पदंश के कारण यहां मौतें होती है. वैसे भी पुराने समय में सिमडेगा को सर्पलोक और नागलोक के नाम से जाना जाता था क्योंकि इन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सांपों की मौजूदगी मिलती है.
सर्पदंश से बचाव के लिए बरती जाने वालीं सावधानियां :
- सबसे ज्यादा ग्रामीण किसान और उनके परिवार सर्पदंश का शिकार होते हैं.
- विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को खेतों में रबर के जूते और दस्ताने पहनकर जाना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घरों में मच्छरदानी और रिचार्जेबल टॉर्च (या मोबाइल फोन की फ्लैशलाइट) का उपयोग करना चाहिए. इससे सर्पदंश का जोखिम कम हो सकता है.
- नए अध्ययन में विषैले सांपों की प्रजातियों के वितरण के साथ-साथ सांप के डसने के परिणामों के बारे में बेहतर जानकारी होना.
सर्पदंश की घटनाओं से निबटने के लिए क्या करें :
- प्रभावित क्षेत्रों में विषरोधी (एंटी-वेनम) का वितरण.
- एंटी वेनम के उपयोग में वृद्धि के लिए स्थानीय आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सहयोग की आवश्यकता होगी, जिससे वे गंभीर रूप से बीमार रोगियों को इलाज के साथ एंटी वेनम दे सकें. साथ ही एंटी-वेनम की प्रभावशीलता के बारे में जागरूकता बढ़ानी होगी.
- सरकारी अस्पताल सर्पदंश पीड़ितों के लिए आसानी से एंटी-वेनम उपलब्ध करा सकते हैं.
- स्वास्थ्य विभाग एंटी-वेनम के असर और इससे ठीक हो रहे लोगों की निगरानी कर सकते हैं. इससे उचित समय में आपूर्ति के लिए वितरण और कोल्ड-चेन स्टोरेज में सुधार किया जा सकता है.
- स्थानीय चिकित्सा कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा सकता है की कैसे एंटी-वेनम से सर्पदंश का इलाज किया जाए.
- भारत में बड़ी मात्रा में एंटी-वेनम बनाने के लिए पर्याप्त विनिर्माण क्षमता है.
- बेहतर समझ से भारत में कई और एंटी-वेनम बनाए जा सकते हैं.