सरायकेला: जिले का ईचागढ़ क्षेत्र भले ही राजनीतिक अखाड़े के केंद्र में रहा है, लेकिन सरकारी मशीनरी आज भी लचर है. हर चुनाव में क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन भ्रष्ट सिस्टम के कारण आज भी यह इलाका पिछड़ा ही है. आज भी यहां के लोगों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है.
अमेरिका और इंग्लैंड के चिकित्सक मरीजों को देते हैं मुफ्त सेवा
सरायकेला के कुकडू प्रखंड के डाटम स्थित इस अस्पताल में एक्यूप्रेशर और नेचुरोपैथी पद्धति से शुगर, ब्लड प्रेशर, पैरालिसिस आदि गंभीर बीमारियों का सफलतापूर्वक तरीके से इलाज किया जा रहा है. यहां झारखंड, बिहार और बंगाल के कई जिलों से मरीज पहुंचते हैं और सफलतापूर्वक इलाज कराते हैं. इस अस्पताल की खासियत यह है कि यहां अमेरिका और इंग्लैंड के चिकित्सकों का दल समय-समय पर आकर निःशुल्क मरीजों को सेवा देते हैं.
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यहां की व्यवस्था से काफी संतुष्ट हैं मरीज
यहां इलाज करा रहे मरीज यहां की व्यवस्था से काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं. फिलहाल अमेरिकी डॉ साइमन और इंग्लैंड की महिला डॉ इवा नेज यहां मरीजों का इलाज करने पहुंचे हैं जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. दोनों चिकित्सक दिन रात यहां मरीजों की सेवा बगैर किसी भेदभाव के कर रहे हैं. अस्पताल के संस्थापक डॉ विश्वनाथ सिंह ने बताया कि 2010 से अमेरिका और अन्य देशों के चिकित्सकों के सहयोग से यह अस्पताल बगैर सरकारी सहयोग से चल रहा है.
योग पार्क का निर्माण
डॉ विश्वनाथ सिंह ने कहा कि विदेशी डॉक्टरों के सहयोग से अभी तक करीब 10 हजार मरीज यहां से स्वस्थ्य होकर जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही यहां और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी. फिलहाल अस्पताल में योग पार्क का निर्माण कार्य चल रहा है. सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में एक ओर जहां सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं वहीं स्थानीय ग्रामीणों के लिए यह ट्रेडिशनल हेल्थ केयर किसी वरदान से कम नहीं है.