स्वर्णरेखा और खरकई नदी का लगातार गिर रहा जलस्तर, एक बड़े तबके के लिए जल संकट - एक बड़े तबके के लिए जल संकट
सरायकेला में इस साल भी जल की स्थिति भयावह होती जा रही है. लगातार भू-गर्भ जल का स्तर गिर रहा है. ऐसे में पानी की किल्लत आने वाले समय में विकराल समस्या बनकर उभर रही है.
स्वर्णरेखा और खरकई नदी का लगातार गिर रहा जलस्तर
सरायकेला: साल दर साल जल को सहेजने की स्थिति भयावह होती जा रही है. लगातार भू-गर्भ जल का स्तर गिर रहा है. ऐसे में पानी की किल्लत आने वाले समय में विकराल समस्या बनकर उभर रही है. कोल्हान प्रमंडल समेत सरायकेला खरसावां जिला भी जल संकट से अछूता नहीं है. जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाली 2 नदियां स्वर्णरेखा और खरकाई के जल स्तर में भारी गिरावट देखी जा रही है, जो की चिंता का विषय है.
5 साल में सबसे नीचे गया नदियों का जलस्तर
गर्मी के दस्तक देते ही शहरी क्षेत्र में जल संकट की समस्या लगातार सामने आ रही है. बोरिंग और चापाकल सूख रहे हैं. स्वर्णरेखा परियोजना के अनुसार खरकाई का जलस्तर इस वर्ष 5 सालों में सबसे नीचे है. शहरी क्षेत्र में 600 फीट तक भू-गर्भ जलस्तर गिर चुका है और कई आवासीय क्षेत्र की बोरिंग फेल हो चुकी है. ऐसे में इस साल अगर समय से बरसात नहीं हुई तो आने वाला समय भयंकर साबित होगा.
नदियों का जलस्तर
स्वर्णरेखा- 11.524 मीटर( वर्तमान) 111मीटर ( सामान्य)खरकाई- 124.16 मीटर( वर्तमान )121 मीटर (सामान्य)
शहरी क्षेत्र में टैंकर जलापूर्ति एकमात्र विकल्प
गर्मी के दस्तक देते ही शहरी क्षेत्र में जल संकट गहरा गया है. इसे देखते हुए नगर निगम की ओर से सभी क्षेत्रों में टैंकर से जलापूर्ति किए जाने की योजना बनाई गई है, लेकिन ढाई लाख की आबादी के लिए यह नाकाफी है. महज 30% क्षेत्र में ही पाइपलाइन से घरों तक जलापूर्ति की जा रही है. ऐसे में एक बड़ा तबका जल संकट से जूझ रहा है.