सरायकेला:केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में शुमार स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना 150 करोड़ से बढ़कर 14 हजार 949 करोड़ रुपये से ज्यादा की हो गई है. वहीं, अब इस परियोजना से सरकार को राजस्व मिलने लगे हैं. झारखंड राज्य में प्रस्तावित यह परियोजना एकमात्र परियोजना है, जो देश के उन 99 प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है जो अब राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो चुके हैं.
महत्वाकांक्षी परियोजना की मॉनिटरिंग
करीब 40 वर्ष पूर्व तत्कालीन बिहार राज्य में शुरू की गई यह परियोजना 40 साल बाद 14 हजार 949 करोड़ रुपए से ज्यादा की घोषित हो चुकी है. वहीं, केंद्र सरकार की इस अति महत्वकांक्षी परियोजना की मॉनिटरिंग केंद्रीय जल आयोग की तरफ से होता है. इस पर सीधा नियंत्रण प्रधानमंत्री का होता है. तत्कालीन बिहार राज्य में शुरू हुई इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बिहार (अब झारखंड) समेत ओडिशा और पश्चिम बंगाल को भी सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराना था. हालांकि, अब इस योजना से केवल झारखंड और ओडिशा को ही सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाता है.
परियोजना को 584 करोड़ का राजस्व प्राप्त
परियोजना निर्माण पर अब तक कुल 6,071 करोड़ खर्च हो चुके हैं. वहीं, परियोजना पूर्ण होने के बाद इससे बड़ा राजस्व सरकार को प्राप्त हो सकेगा. परियोजना को प्राप्त राजस्व के संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य अभियंता वीरेंद्र कुमार राम ने बताया कि अब तक परियोजना को 584 करोड़ राजस्व के तौर पर प्राप्त हुआ है, जबकि विभिन्न कंपनियों और अन्य विभागों पर परियोजना का 1023 करोड़ रुपये बकाया है, जो प्राप्त होने से सरकार समेत परियोजना को एक बड़ी राशि बताओ राजस्व प्राप्त हो सकेगी.