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तबरेज मॉब लिंचिंग मामला: फूटा धातकीडीह के ग्रामीणों का गुस्सा, कहा- पुलिस और डॉक्टरों पर भी दर्ज हो हत्या का मामला - धातकीडीह गांव के लोग आक्रोशित

सरायकेला में हुए मॉब लिंचिंग मामले में फिर से धारा 302 लगाए जाने के बाद आरोपियों के परिजन काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि पुलिस और कार्यरत डॉक्टर पर भी 302 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए.

धातकीडीह गांव की महिलाएं

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Published : Sep 19, 2019, 11:27 PM IST

सरायकेला: तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में फिर से धारा 302 लगाए जाने के बाद एक ओर जहां तबरेज के परिजन खुश हैं. वहीं तबरेज हत्याकांड के आरोपियों के परिजन पुलिस की लापरवाही के कारण यह घटना घटित होने का आरोप लगा रहे हैं. स्थानीय लोग पुलिस और कार्यरत डॉक्टर पर भी 302 के तहत मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

महिला और अधिवक्ता का बयान

धातकीडीह गांव के लोग आक्रोशित
इस मामले में फिर से धारा 302 लगाए जाने पर ग्रामीणों से जब हम उनकी प्रतिक्रिया लेने धतकीडीह गांव पहुंचे तो वहां के ग्रामीण काफी आक्रोशित नजर आए. ग्रामीणों ने पुलिस पर भड़ास निकलते हुए कहा कि सरकार और पुलिस प्रशासन एक पक्ष के साथ खड़े हैं. जबकि मुस्लिम संगठन भी इस मामले में जमकर राजनीति कर रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि तरबेज जिस घर में चोरी की नीयत से घुसा था. उसकी छत से कूदने के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हुआ था, मारने से उसकी हड्डी नहीं टूटी है.

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पुलिस और डॉक्टर पर भी लगाया आरोप
ग्रामीणों ने यहां तक कह दिया कि यदि तबरेज को गंभीर चोट लगी हुई थी तो पुलिस ने उसका इलाज क्यों नहीं करवाया. जितने दोषी ग्रामीण हैं उससे कहीं ज्यादा दोषी तो पुलिस और डॉक्टर हैं. उनके ऊपर भी हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए. इधर इस मामले मे आरोपियों के वकिल सुभाष हाजरा ने साफ तौर पर मामले में पुलिस को दोषी ठहराते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट ही गलत है.

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