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देवोत्थान एकादशी आज, सरायकेला के मंदिरों में हो रही विशेष पूजा

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Published : Nov 25, 2020, 3:05 PM IST

आज देवोत्थान एकादशी है और आज ही तुलसी विवाह भी है. हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है. सरायकेला के मंदिरों में देवोत्थान एकादशी की पूजा अर्चना की जा रही है.

people worship devothan ekadashi puja in seraikela
देवोत्थान एकादशी

सरायकेला: देवोत्थान एकादशी पर सरायकेला खरसावां जिले के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. भगवान विष्णु लगभग 4 महीने के बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी 25 नवंबर को शयन से जागेंगे. इस दिन श्रद्धालु प्रबोधनी देवोत्थान एकादशी और तुलसी विवाह भी मनाते हैं.

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क्या है धार्मिक मान्यता
बुधवार को चातुर्मास व्रत का भी समापन हो गया है. हिंदू धर्मा वलंबियों के शुभ और मांगलिक कार्य भी आज से शुरू हो जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल हरी शयन एकादशी के दिन भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन करने चले जाते हैं और भदुल शुक्ल एकादशी के दिन भगवान करवट लेते हैं. जबकि देवोत्थान एकादशी के दिन शयन से उठते हैं. 4 माह के दौरान हिंदुओं के सारे शुभ और मांगलिक कार्य बंद रहते हैं. विवाह, जनेऊ आदि शुभ कार्य संपन्न नहीं होते. वहीं, आज से यह सभी मंगल कार्य शुरू हो जाएंगे.

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मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना
देवोत्थान एकादशी के मौके पर मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं और पूजा अर्चना कर शुभ कार्य शुरू करते हैं. मान्यता है कि देवोत्थान एकादशी के दिन किए गए सभी मांगलिक कार्य भगवान हरि विष्णु को स्वीकार होते हैं. संध्या बेला में तुलसी विवाह का आयोजन होगा. वहीं, एकादशी तुलसी विवाह का व्रत भी किया जाएगा. विभिन्न स्थानों पर तुलसी और हरि विष्णु के विवाह को रस्म को पूरा किया जाएगा. जबकि शालिग्राम के रूप में भगवान विष्णु को तुलसी मंडप के पास रखकर तुलसी और विष्णु विवाह को संपन्न कराया जाएगा.

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