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जल संकट के बीच बोरिंग परमिशन के लिए देने पड़ रहे हैं 1 हजार रुपये, लोग कर रहे शुल्क वापस लेने की मांग

सरायकेला में जनता घोर पेयजल संकट से जूझ रही है. वहीं नगर निगम सभी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है. ऐसे में अगर कोई अपने खर्च पर बोरिंग करवाना चाहे तो उसे नगर निगम में आवेदन देकर 1000 रुपये शुल्क के साथ परमिशन लेना पड़ रहा है.

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Published : Mar 24, 2021, 1:11 PM IST

Published : Mar 24, 2021, 1:11 PM IST

drinking water crisis in Seraikela
सरायकेला में पेयजल संकट

सरायकेला: गर्मी के दस्तक देते ही नगर निगम क्षेत्र में जनता घोर पेयजल संकट से जूझने लगी है. वहीं नगर निगम सभी लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है. ऐसे में अगर कोई अपने खर्च पर बोरिंग करवाना चाहे तो उसे नगर निगम में आवेदन देकर 1000 रुपये शुल्क के साथ परमिशन लेना पड़ रहा है.

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लोग कर रहें हैं बोरिंग शुल्क हटाने की मांग

आदित्यपुर नगर निगम के अलावा राज्य के अन्य नगर निगम मसलन रांची नगर निगम, मानगो नगर निगम, जुगसलाई नगरपालिका इससे सटे जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति घरेलू बोरिंग के एवज में कोई शुल्क नहीं लेती. इधर भीषण गर्मी के बीच लोगों ने स्वयं पेयजल की व्यवस्था किए जाने के मुद्दे पर अब जनहित में बोरिंग शुल्क हटाने की मांग की है. इस मुद्दे पर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि पानी के लिए त्राहिमाम मचा है और जनता को बोरिंग परमिशन के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में ये निर्णय अविलंब वापस होना चाहिए.

बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से शुल्क लेने का निर्णय लिया गया था

इधर बोरिंग के एवज में शुल्क लेने के मुद्दे पर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने बताया कि बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से बोरिंग परमिशन देने और इसके बदले शुल्क लेने का प्रावधान तय किया गया है. जिस पर संशोधन, बोर्ड के निर्णय से ही हो सकता है. इन्होंने बताया कि धड़ल्ले से बोरिंग रोकने और भूगर्भ जलस्तर के अत्याधिक दोहन रोकने को लेकर ये नियम बनाए गए हैं.

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