सरायकेला: कोल्हान प्रमंडल क्षेत्र में बिल्डिंग बनाने से पहले बिल्डरों को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट( एनओसी )प्राप्त करना होगा. जिसके बाद ही बिल्डिंग निर्माण को बोर्ड की मंजूरी दी जाएगी. जबकि एनओसी प्राप्त नहीं करने वाले बिल्डिंग और बिल्डरों से प्रदूषण बोर्ड जुर्माना भी वसूला जाएगा.
ये भी पढ़ें- रांची: लापता छात्र का कुएं से मिला शव, हत्या-आत्महत्या दोनों ही बिंदु पर पुलिस कर रही जांच
निरीक्षण के बाद मिलेगा एनओसी
बहुमंजिला इमारत और मल्टी स्टोरेज बिल्डिंग निर्माण से पहले प्रदूषण बोर्ड स्थल का निरीक्षण करेगा कि प्रस्तावित निर्माण क्षेत्र में ठोस और गीला कचरा प्रबंधन प्लांट और प्रक्रिया अपनाई जा रही है या नहीं. जबकि बहुमंजिला इमारतों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अति आवश्यक है. इन प्रक्रियाओं का जायजा लेने के बाद ही प्रदूषण बोर्ड आगे एनओसी प्रदान करेगा. वहीं, प्रदूषण नियंत्रण परिषद के बिना एनओसी दिए स्थानीय निकाय में बिल्डिंग या बहुमंजिला इमारतों का नक्शा भी पास नहीं होगा.
नियमों की अनदेखी पर वसूला जाएगा जुर्माना
बिल्डरों और बिल्डिंग को प्रदूषण पर्षद से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट प्रदान किए जाने की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी देते हुए प्रदूषण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक 20 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनने वाले सभी बिल्डिंग और बहुमंजिला इमारतों को एनवायरमेंटल क्लीयरेंस और प्रदूषण बोर्ड से एनओसी प्राप्त करना अनिवार्य होगा. इसमें मुख्य रूप से प्रदूषण बोर्ड की ओर से इन भवन और बिल्डिंगों से निकलने वाले प्रदूषित जल के निस्तारण की सुविधा की जांच की जाएगी और नियमों का पालन भी सख़्ती से कराया जाएगा. वहीं नियमों की अनदेखी करने वाले बिल्डिंग और बिल्डरों को चिन्हित कर उनसे भारी भरकम जुर्माना भी वसूला जाएगा.
बिना NOC वाले 6 बिल्डरों को नोटिस जारी
प्रदूषण नियंत्रण परिषद् की ओर से अब तक 6 ऐसे बड़े बिल्डरों को नोटिस भेजा जा चुका है. जिन्होंने प्रदूषण बोर्ड से एनओसी प्राप्त नहीं किया है, इन बिल्डिंग निर्माताओं को एनओसी प्राप्त करने के लिए जुर्माना के साथ ऑनलाइन आवेदन देना होगा. जिसके बाद प्रदूषण बोर्ड सीटीओ और सीटीए के तहत जांच उपरांत सर्टिफिकेट देगी.