सरायकेला: केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए कृषि विधेयक से स्वतंत्र किसान सशक्त किसान नीति को गति प्रदान होगी. किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इनके बिना बेहतर अर्थव्यवस्था की कल्पना ही नहीं की जा सकती. यह बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने सरायकेला जिले के चांडिल में कही.
नया कृषि कानून किसानों को करेगा स्वतंत्र और मजबूत, फिजूल में लोग कर रहे विरोध: संजय सेठ
सरायकेला में रांची सांसद संजय सेठ ने चांडिल में कहा कि कृषि कानून का मतलब स्वतंत्र किसान, सशक्त किसान है. इसका फिजूल में लोगों की तरफ से विरोध किया जा रहा है.
किसान स्वतंत्र होगा सशक्त होगा
सांसद संजय सेठ ने कृषि कानून का विरोध कर रहे विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए चोर मचाए शोर वाली कहावत विपक्ष की तरफ से चरितार्थ करने की बात कही है. सांसद संजय सेठ ने बताया कि सरकार की मंशा है कि किसान स्वतंत्र होगा सशक्त होगा तभी देश मजबूत होगा. इसी सोच के साथ कृषि सुधार बिल लाया गया है. इन्होंने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक देश के केवल 6 प्रतिशत किसानों को ही न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिलता है. बाकी 94 प्रतिशत किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पाते और बाजार पर निर्भर होते हैं. इस परिस्थिति में कृषि विधेयक बिल इन किसानों के लिए मददगार साबित होगा.
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70 के दशक में बना एपीएमसी एक्ट ने किया किसानों का शोषण
सांसद संजय सेठ ने बताया कि 1970 के दशक में सरकार ने एपीएमसी एक्ट के नाम से कानून बनाया था. जिसमें यह प्रावधान तय था कि किसान फसल को केवल सरकार की तरफ से तय स्थान पर बेच सकता है और इस कानून के तहत सरकारी मंडी के बाहर किसान अपना फसल नहीं भेज सकते थे. ऐसे में दलाली प्रथा को बढ़ावा दिया गया था. वहीं, एपीएमसी एक्ट ने किसानों का सबसे अधिक शोषण किया है. इस मौके पर विधायक संजय सेठ के साथ ईचागढ़ के पूर्व विधायक साधु चरण महतो भी मौजूद रहे.