सरायकेला:जिले के दर्जनों गांव पिछले कई महीनों से हाथियों के आतंक से प्रभावित हैं. पिछले दिनों से 25 से ज्यादा हाथी कांदरवेड़ा में उत्पात मचा रहा है. सभी हाथी कांदरवेड़ा के पहाड़ी क्षेत्रों में डेरा जमाये हुए थे, जो रात होते ही आस-पास के गांवों में घुसकर फसल बर्बाद कर देते हैं.
हाथियों को भगाने के लिए बैठक का आयोजन
हाथियों के उत्पात को लेकर गुरुवार को सरायकेला के चांडिल रेंज के वन पदाधिकारी और वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऑफ सोसाइटी के पदाधिकारी और कांदरवेड़ा के दर्जनों गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक की गई. बैठक में हाथी को भगाने और जंगलों में हाथी को समुचित भोजन की व्यवस्था किए जाने संबंधित कई निर्णय लिए गए.
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बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
बैठक में निर्णय लिया गया है कि हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीणों को पटाखा, मशाल, टॉर्च दिया जाएगा. वहीं, इस दौरान वन विभाग के अधिकारी ने बताया की पिछले कई वर्षों से हाथियों ने अपनी आवाजाही का रास्ता कांदरवेड़ा के जंगल को बना रखा है, जिस कारण आसपास के कई गांव का हाथी से प्रभावित हैं. उनका कहना है कि यह रास्ता दुर्गम है जिस कारण समय पर हाथी भगाने की टीम नहीं पहुंच पाती है.
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ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज
बता दें कि ग्रामीण वन विभाग की क्रियाकलाप से नाराज हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों ने सैकड़ों की संख्या में अधोस्ताक्षरित आवेदन वन विभाग को सौंपा है, साथ ही जल्द ही कार्रवाई करने और वन विभाग से हाथी भगाने की टीम और सामग्री उपलब्ध करवाने का भी ग्रामीणों ने अपील की है.