सरायकेला: जिले में वर्षों पहले मध्यम और अल्प वर्ग आय के लोगों को रहने के लिए दो कमरों का मकान बनाकर दिया गया था. लेकिन आज लोगों ने इन मकानों में मार्केट कांप्लेक्स और मॉल का निर्माण कर दिया है, जो कि आवास बोर्ड के नियमों की घोर अनदेखी है.
मकानों के मूल रूप से छेड़छाड़
जिले के नगर निगम क्षेत्र में वर्ष 1965 में तत्कालीन बिहार राज्य में बिहार राज्य आवास बोर्ड ने एक बड़ी आबादी को बसाने के उद्देश्य से आवासीय कॉलोनी का निर्माण कराया था. जहां आवास बोर्ड ने सस्ते दर पर लोगों को सुलभ तरीके से मकान उपलब्ध कराए थे. अल्प, मध्यम और उच्च आय वर्ग को उनकी सालाना आमदनी के मुताबिक बांटकर उस वक्त तीनों श्रेणियों में बनाए गए मकान आवंटित किए गए थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, लोगों ने आवास बोर्ड के मकानों के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ करना शुरू किया. अब मेन रोड की सभी मकानों में मार्केट कांप्लेक्स और मॉल का निर्माण किया जा चुका है.
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आवास बोर्ड करेगी कार्रवाई, भेजा जा रहा नोटिस
इधर, मकान आवंटियों के मूल रूप से छेड़छाड़ कर मकानों को कमर्शियल बनाए जाने के बाद अब झारखंड राज्य आवास बोर्ड वैसे लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए बोर्ड के प्रबंध निदेशक ब्रज मोहन कुमार ने बताया कि मकान के स्वरूप से छेड़छाड़ करने वाले लोगों की सूची बनाई जा रही है, जिसके बाद उन्हें नोटिस तलब किया जा रहा है.
नए सिरे से मकान आवंटित किए जाएंगे
बोर्ड के प्रबंध निदेशक ने बताया कि वैसे सभी आवंटियों को जिन्होंने घरों में मार्केट, दुकान और मॉल खोल दिए हैं, उन्हें कमर्शियल दर पर नए सिरे से मकान आवंटित किए जाएंगे और उन्हें बाजार भाव से मकानों का मूल्य भी चुकाना होगा.
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99 साल की लीज पर मिले हैं मकान
बिहार राज्य आवास बोर्ड के बनाए गए मकान झारखंड राज्य गठन होने के बाद झारखंड राज्य आवास बोर्ड की ओर से मकान के मूल आवंटियों को 99 साल की लीज पर आवंटित कर दिए गए थे. स्थानीय मकानों को फ्री होल्ड कर मालिकाना हक दिए जाने की मांग सालों से कर रहे थे. वहीं पिछली भाजपा सरकार ने मकानों को फ्री होल्ड किए जाने की घोषणा कर दी थी. लेकिन अब तक इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जा सका है.