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सरायकेला: अनुदान राशि के लिए काट रहे कार्यालय के चक्कर, मंत्री के आदेश की हो रही अनदेखी

सरायकेला के स्वर्णरेखा परियोजना के तहत विस्थापित परिवार के बच्चों को तकनीकी और उच्च शिक्षा के तहत शिक्षा अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन कई वर्षों बाद भी आज तक किसी भी विस्थापित को यह अनुदान राशि नहीं दी गई है.

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Published : Oct 21, 2019, 11:42 AM IST

चिट्ठी दिखाते विस्थापित परिवार

सरायकेला: स्वर्णरेखा परियोजना के तहत विस्थापित परिवार के बच्चों को तकनीकी और उच्च शिक्षा के तहत शिक्षा अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी किसी भी विस्थापित को यह अनुदान राशि नहीं दी गई है. विभागीय मंत्री के आदेश की भी अधिकारी अवहेलना कर रहे हैं.

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नहीं मिल रही अनुदान राशि
स्वर्णरेखा परियोजना से पूर्व में ही विस्थापित लोगों के बच्चों के तकनीकी और उच्च शिक्षा के तहत दो लाख तक अनुदान राशि दिए जाने का प्रावधान है. तकरीबन 5 साल पहले ही परियोजना के तहत अनुदान राशि दिए जाने से संबंधित आदेश जारी किए गए थे. लेकिन अब भी ऐसे कई विस्थापित हैं जो तकनीकी शिक्षा हासिल कर रहे हैं और उन्हें यह अनुदान राशि मुहैया नहीं कराई गई है. जबकि दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले विस्थापितों के बच्चे रोजाना स्वर्णरेखा परियोजना के प्रशासक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं.

अनुदान राशि का है प्रावधान
परियोजना से विस्थापित लोगों और उनके बच्चों को तकनीकी शिक्षा में सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से विभागीय स्तर पर तकरीबन 5 साल पूर्व इस बात का निर्णय लिया गया था. आईटीआई की शिक्षा ग्रहण कर रहे विस्थापित छात्रों को एक लाख और बीटेक करने वाले छात्रों को दो लाख तक अनुदान राशि उपलब्ध कराई जाएगी. नियम पारित होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण इसका खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं.

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अधिकारी कर रहे आदेश की अनदेखी
इधर इस मुद्दे को लेकर विस्थापित छात्रों ने तकरीबन 3 माह पूर्व ही जल संसाधन विभाग के मंत्री रामचंद्र सहिस से मुलाकात कर समस्या से मंत्री को अवगत कराया था. जिसके बाद विभागीय मंत्री ने इससे संबंधित आदेश भी जारी किया, लेकिन तीन माह बीत जाने के बाद भी अधिकारी विभागीय मंत्री के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं.

कार्रवाई का दिया आश्वासन
जब स्वर्णरेखा परियोजना के भू अर्जन विभाग के अपर निदेशक नंदकिशोर गुप्ता से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि महज कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने इस पद पर योगदान दिया है. ऐसे में उन्हें इस बात की विशेष जानकारी हासिल नहीं है और आगे इस मामले से संबंधित जानकारी हासिल कर वे इस पर कार्रवाई करेंगे.

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