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Anniversary of Kharsawan Firing: खरसावां शहीद स्थल बनेगा पर्यटन स्थल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की घोषणा - झारखंड खबर

खरसावां गोलीकांड की बरसी पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के अलावे कई मंत्री और विधायक खरसावां शहीद स्थल स्थल पहुंचे और श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर सीएम ने कहा कि इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जाएगा.

Anniversary of Kharsawan Firing
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Published : Jan 1, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Jan 1, 2022, 6:19 PM IST

सरायकेला: खरसावां शहीद स्थल को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसकी पहल शुरू हो गई है. इसे विकसित करने में 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. यह बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खरसावां के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कही.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज के दिन हजारों की संख्या में यहां लोग श्रद्धांजलि देने आते हैं. इसलिए आज का दिन गौरव के साथ ही दुख का दिन भी है. आदिवासी समुदाय हमेशा से संघर्षरत रहा है, संघर्ष ही आदिवासियों की पहचान है. पूरे कोल्हान से यहां लोग आते हैं. इसलिए शहीद स्थल का पर्यटन स्थल के रूप में विकास करने का सरकार ने निर्णय लिया है. इसके लिए 16 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसमें मल्टीपर्पस हॉल के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. खरसावां गोलीकांड के शहीदों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी, विधायक दशरथ गागराई, सुखराम उरांव, दीपक बिरूवा, निरल पूर्ति सहित जिला प्रशासन के भी तमाम अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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आजाद भारत का सबसे बड़ा गोलीकांड था खरसावां गोलीकांड

1947 में आजादी के बाद पूरा देश राज्यों के पुनर्गठन के दौर से गुजर रहा था. तभी अनौपचारिक तौर पर 14-15 दिसंबर को ही खरसावां व सरायकेला रियासतों का विलय ओडिशा राज्य में कर दिया गया था. औपचारिक तौर पर एक जनवरी को कार्यभार हस्तांतरण करने की तिथि मुकर्रर हुई थी. इस दौरान एक जनवरी, 1948 को आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा ने खरसावां व सरायकेला को ओडिशा में विलय करने के विरोध में खरसावां हाट मैदान में एक विशाल जनसभा का आह्वान किया था. विभिन्न क्षेत्रों से जनसभा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. एक जनवरी 1948 का दिन गुरुवार और साप्ताहिक बाजार-हाट का दिन था, इस कारण भीड़ काफी अधिक थी. लेकिन, किसी कारणवश जनसभा में जयपाल सिंह मुंडा नहीं पहुंच सके. रैली के मद्देनजर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल भी तैनात थी. इसी दौरान पुलिस व जनसभा में पहुंचे लोगों में किसी बात को लेकर संघर्ष हो गया. तभी अचानक फायरिंग शुरू हो गई और पुलिस की गोलियों से सैकड़ों की संख्या में लोग शहीद हो गए.

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा

खरसावां शहीद स्थल प्रेरणा स्थल बना

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शहीद बेदी पर पारंपरिक रुप से तेल भी डाला. श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद उन्होंने कहा कि खरसावां शहीद स्थल अब प्रेरणा स्थल व शक्ति स्थल बन गया है. मुंडा ने कहा कि अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में शहीद पार्क का निर्माण कार्य शुरू करवाया था. आगे भी इसके विकास की योजना बना कर काम किया जाएगा. शहीद स्थल की पवित्रता बनी रहे, इसके अनुरूप कार्य करना है. शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जनहित में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है.

केंद्रीय मंंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि श्रद्धांजलि हृदय से होती है, दिखावे में नहीं. आदिवासी समुदाय के लोगों ने देश के कोने-कोने में विभिन्न मुद्दों को लेकर बलिदान दिया है. भारत सरकार के जनजाति मामलों के मंत्रालय आदिवासियों के बलिदान को लिपिबद्ध करने का काम करेगी. मोदी सरकार ने पहली बार 15 नवम्बर को देश भर में जनजाति गौरव दिवस मना कर आदिवासियों को सम्मान देने का कार्य किया है.

Last Updated : Jan 1, 2022, 6:19 PM IST

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