सरायकेला: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के कोल्हान प्रमंडलीय कार्यालय की ओर से जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को बायो मेडिकल वेस्ट का निष्पादन करने और इस प्रक्रिया से जुड़ने संबंधित जानकारी देने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया.
मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निष्पादन करें
कार्यशाला में सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल के संचालक और प्रतिनिधि शामिल हुए. झारखंड प्रदूषण नियंत्रण परिषद के रांची कार्यालय की ओर से राज्य के सभी अस्पतालों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निष्पादन करें.
कई गाइड लाइन
वहीं, एनजीटी भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर मेडिकल वेस्ट निष्पादन संबंधित कई गाइड लाइन जारी किए हैं. इस कार्यशाला के माध्यम से सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल संचालकों को मेडिकल वेस्ट के प्रीट्रीटमेंट किए जाने की भी जानकारियां दी गईं.
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अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे बारकोड सिस्टम
बायो मेडिकल वेस्ट को अलग-अलग संग्रहित कर अलग-अलग रंग के बैग में रखकर बायो मेडिकल वेस्ट सेंटर तक पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इसे लेकर सभी अस्पतालों में अब बायो सेफ बारकोड मशीन स्थापित किए जा रहे हैं. जहां से मेडिकल वेस्ट को संग्रहित कर निष्पादन केंद्र तक पहुंचाया जाएगा, ताकि सही ढंग से मेडिकल वेस्ट का निष्पादन हो.
कागजी प्रक्रिया पर ही चल रहे मेडिकल वेस्ट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद की ओर से बायो मेडिकल वेस्ट को सही तरीके से निष्पादित किए जाने से संबंधित कड़े नियम बना दिए गए हैं, बावजूद इसके कोल्हान के कुछ अस्पतालों में अब तक बायो मेडिकल वेस्ट प्रणाली को मजबूती से स्थापित नहीं किया जा सका है. वहीं ज्यादातर अस्पतालों में यह सिर्फ कागजी प्रक्रिया पर ही चल रही है.
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हर्जाना वसूलने की तैयारी
इधर, प्रदूषण नियंत्रण परिषद, एनजीटी के दिशा निर्देश पर अब एक तय समय सीमा के बाद बायो मेडिकल वेस्ट को निष्पादन केंद्र तक नहीं पहुंचाने वाले अस्पतालों को चिन्हित कर उनसे रोजाना हर्जाना वसूलने की तैयारी में जुट गया है.