साहिबगंज: उधवा पक्षी अभयारण्य में कभी दर्जनों प्रजाति के पक्षियों का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन अपराधी किस्म के तत्वों की ओर से लगातार इसका शिकार होने से अब इन पक्षियों का आना बहुत कम हो चुका है. जिला प्रशासन को इस पर ध्यान देने की जरुरत है.
देश-विदेश से आया करता थे पर्यटक
साहिबगंज के उधवा पक्षी अभयारण्य झील को देखने के लिए कभी देश-विदेश से पर्यटक आया करता थे, लेकिन अब उनका आना-जाना बहुत कम हो चुका है. मामले में जिला प्रशासन अपना पल्ला झाड़ रहा है. इस वजह से झील का देखरेख हजारीबाग वन प्रमंडल की ओर से किया जाता है. बता दें कि साहिबगंज झारखंड का सुदूरवर्ती जिला है, इस वजह से हजारीबाग से इस झील का बराबर मॉनिटरिंग नहीं हो पाता है और प्रशासन अपने स्तर से विकास को लेकर बहुत कुछ नहीं कर पाती है.
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उधवा पक्षी अभयारण्य झील को मॉनिटरिंग की है जरुरत
साहिबगंज का उधवा पक्षी अभ्यारण्य झील एक आकर्षण का केंद्र है. अगर सही से इसका मॉनिटरिंग किया जाए, जीव जंतुओं पर हो रहे शिकार को रोका जाए तो निश्चित रूप से प्रवासी पक्षियों का आने का मार्ग प्रशस्त होगा और पर्यटक के आने का रास्ता खुलेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले दिन भर इस अभयारण्य में पक्षियों को देखा जाता था, लेकिन पक्षियों के शिकार होने से यहां उसका आना बहुत कम हो गया है, जिससे पर्यटकों का भी यहां आना कमता जा रहा है.
दर्जनों प्रजाति के पक्षी का था आगमण
वनपाल रंजीत कुमार का कहना है कि उधवा पक्षी अभयारण्य झील हजारीबाग वन प्रमंडल के देखरेख में है. इस झील में पहले दर्जनों प्रजाति के पक्षी और जलीय जीव-जंतु को देखा जाता था, लेकिन हाल के दिनों में अब प्रवासी पक्षियों का आना बहुत कम हो गया है. पक्षियों के शिकार होने से इस पर गहरा असर पड़ा है.
पक्षियों के शिकार पर रोक
वहीं, जिला वन प्रमंडल अधिकारी विकास पालीवाल ने कहा कि उधवा पक्षी अभयारण्य झील उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. मामले में हजारीबाग वन प्रमंडल को पत्र लिखा गया है. बहुत जल्द इस अभयारण्य में जिला प्रशासन का हस्तक्षेप होगा और जो भी जिला स्तर पर विकास पर्यटक को देखते हुए किया जाएगा. उन तमाम सुविधाओं को मुहैया कराई जाएगी. निश्चित रूप से इस झील का देखरेख लगातार हो तो प्रवासी पक्षियों का आना जारी रहेगा. इसके लिए पक्षियों के शिकार पर रोक लगाने को लेकर जिला प्रशासन को बढ़-चढ़कर अपनी सहभागिता दिखानी होगी.