झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

चानन गांव में मॉब लिंचिंग के पांच दिन बाद भी तनाव बरकरार, तीन थानों की पुलिस कर रही कैंप - साहिबगंज न्यूज

चानन गांव में तीस अक्टूबर को मॉब लिंचिंग के पांच दिन बाद भी गांव में तनाव बरकरार (Mob Lynching In Chanan Village Sahibganj) है. बहरहाल हालात पर नियंत्रण के लिए तीन थानों की पुलिस गांव में कैंप कर रही है. हत्या के पीछे जमीन का विवाद बताया जा रहा है.

Tension due to mob lynching in Chanan village sahibganj police camp doing
महेंद्र साह की फाइल फोटो

By

Published : Nov 5, 2022, 10:41 PM IST

साहिबगंज:चानन गांव में प्रतिशोध में एक सप्ताह के भीतर दो लोगों की हत्या के पांच दिन बाद भी तनाव बरकरार है. फिलहाल तीन थानों की पुलिस गांव में कैंप कर रही है. इधर पुलिस ने कृष्णा हत्याकांड में एक आरोपी और कृष्णा हत्याकांड के आरोपी महेंद्र की मॉब लिंचिंग मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

ये भी पढ़ें-जादू टोने के लिए किशोरी की हत्या, बोरी में मिली लाश

बता दें कि जिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र के चानन गांव में कुख्यात कृष्णा मंडल की हत्या 28 अक्टूबर सुबह कर दी गई थी. हत्यारोपियों ने चंदा के बहाने कृष्णा मंडल को बाहर बुलाया और गोली मार दी थी. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. कृष्णा मंडल के पिता के बयान पर कृष्णा मंडल हत्याकांड में 17 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. अभी कृष्णा हत्या की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि 36 घंटे के भीतर तीस अक्टूबर दिन रविवार को चानन गांव में प्रतिशोध की ज्वाला में कृष्णा मंडल हत्याकांड के आरोपी महेंद्र की पीट पीटकर हत्या कर दी गई थी.

यह था मामलाः मिली जानकारी के अनुसार कुख्यात अपराधी कृष्णा मंडल की हत्या के आरोपी महेंद्र साह को 30 अक्टूबर सुबह 6 बजे कृष्णा मंडल गिरोह के सदस्यों ने पीट-पीट अधमरा कर दिया. इसके बाद सभी फरार हो गए. सूचना मिलने पर चानन पहुंची पुलिस ने महेंद्र साह को इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन यहां उसकी मौत हो गई. मारपीट में महेंद्र साह की रीढ़ की हड्डी कई जगह टूट गई थी. इधर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया था. घटना के बाद से चानन गांव के दोनों गिरोहों के बीच तनाव है. इसके मद्देनजर पुलिस ने गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है. हालात को कंट्रोल करने के लिए जिरवाबाड़ी ओपी, नगर और मुफस्सिल थाने की पुलिस यहां कैंप कर रही है.


दोनों पक्षों से इनकी हुई गिरफ्तारीः बता दें कि कृष्णा मंडल और महेंद्र साह ग्रुप में दस वर्षों में प्रतिशोध की आग धधक रही है. इधर, अक्टूबर कुख्यात कृष्णा मंडल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में कृष्णा के पिता मंगरू मंडल के बयान पर जिरवाबाड़ी ओपी में कांड संख्या 273/22 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें राजमहल थाना क्षेत्र के डेरगामा निवासी सुबेश मंडल, महेंद्र साह व उनके तीन बेटों सुभाष साह, विपिन साह व जग्गा साह, दीपक साह, अतुल मंडल तथा मदनशाही निवासी दिलजुदा अंसारी व पप्पू अंसारी को आरोपी बनाया गया था. इधर कुख्यात कृष्णा मंडल की हत्या के आरोप में पुलिस ने एक आरोपी जग्गा उर्फ योगेश साह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

वहीं पुलिस ने महेंद्र साह की पीट-पीट कर मारने के मामले में मृतक की पत्नी मीणा देवी के बयान पर कांड संख्या 274/22 के तहत विक्की रविदास, विष्णु मंडल, लालू साहनी, पप्पू मंडल, संतोष चौरसिया, बबलू चौधरी, मंगरु मंडल, संजय कुमार मंडल, दिलीप मंडल, अनिता देवी व अंजू देवी, फूलन देवी, जानकी देवी व अन्य को आरोपी बनाया है. पुलिस ने मामले में मंगरु मंडल, संजय मंडल, दिलीप मंडल, अनिता देवी व अंजू देवी सहित कुल 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जेल भेजे गए मंगरु मंडल, कृष्णा मंडल के पिता, दिलीप मंडल मामा व अनिता, अंजू कृष्णा की बहन हैं.

जमीन पर कब्जे की वजह से हुई हत्या : पुलिस सूत्रों की मानें तो कृष्णा मंडल की हत्या के पीछे मुख्यत: भूमि विवाद ही है. गांव के ही महेंद्र साह के पास भूमि का एक टुकड़ा था जिसपर कृष्णा मंडल ने कब्जा कर लिया, उसपर घर भी बना लिया और 27 अक्टूबर को गृह प्रवेश भी कर लिया. महेंद्र साह व उसके बेटों ने कृष्णा मंडल के कब्जे से जमीन छुड़ाने की हरसंभव कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. अंत में सभी ने मिलकर शुक्रवार को कृष्णा मंडल की हत्या कर दी.

सालों से खून से लाल हो रहा है इलाकाःजिरवाबाड़ी ओपी क्षेत्र के चानन और उसके आसपास कभी मित्तन मियां का सिक्का चलता था. वह ओपी क्षेत्र के ही मदनशाही का रहनेवाला था, उसका सबसे विश्वस्त सहयोगी ख्वाजा पहलवान था. गिरोह के सदस्य जिरवाबाड़ी, लोहंडा आदि क्षेत्रों में लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देते थे. चानन, मदनशाही से चलनेवाले पत्थर लदे अवैध नावों से भी गिरोह को अच्छी खासी आय हो जाती थी. गिरोह पत्थर कारोबारियों से रंगदारी भी वसूलता था. एक दशक तक क्षेत्र में उसका वर्चस्व रहा. कभी ट्रैक्टर चलाने वाला मुन्ना मंडल उसके गिरोह में शामिल हुआ. धीरे-धीरे उसने अपनी पकड़ बना ली. इस बीच 2014 में मित्तन मियां व ख्वाजा पहलवान की हत्या हो गई. बताया जाता है रंगदारी से होने वाली आय को लेकर हुए विवाद में दोनों की हत्या की गई थी.

इधर, आरोप है कि 10 मई 2016 को मुन्ना मंडल के नेतृत्व में उसके गिरोह के सदस्यों ने बिहार के कटिहार स्थित राधेश्याम ज्वेलर्स से डेढ़ करोड़ के जेवरात लूटे. इसी के बंटवारे को लेकर मुन्ना मंडल गिरोह में दरार पड़ गई. आरोप है कि इसी को लेकर सात जून 2018 को कुख्यात मुन्ना मंडल की हत्या उसके ही शागिर्द कृष्णा मंडल ने कर दी. कृष्णा मंडल यहीं नहीं रूका, उसने मुन्ना मंडल के करीबी राजीव मंडल की हत्या भी 12 दिसंबर 2018 को कर दी. एक जून 2019 की देर शाम कुख्यात मुन्ना मंडल की मां सीतामुनी देवी व 11 नवंबर की शाम विश्वनाथ मंडल की हत्या कर दी गई. सीतामुनी देवी मुन्ना मंडल हत्याकांड, जबकि विश्वनाथ मंडल सीतामुनी हत्याकांड में गवाह थे. यह बात सामने आई कि कृष्णा मंडल तमाम गवाहों को रास्ते से हटा रहा है.

इसी बीच आठ मार्च 2019 को कृष्णा मंडल की दादी हलारी देवी की भी हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड में राजमहल थाना क्षेत्र के डेरगामा निवासी सुवेश मंडल का नाम सामने आया था. सूत्रों की मानें तो सुवेश मंडल व कृष्णा मंडल के परिवार के बीच पुरानी अदावत है. कृष्णा मंडल भी अक्सर राजमहल थाना क्षेत्र के मंगलहाट जाता था. कृष्णा मंडल की हत्या के बाद विक्की रविदास गिरोह के सरगना का स्वभाविक दावेदार हैं. हालांकि, इन दिनों वह जेल से बाहर था। कृष्णा मंडल की हत्या के बाद वह सदर अस्पताल में भी देखा गया था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details