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यहां खाट ही है लोगों के लिए एंबुलेंस, कांधे पर लादकर घायल को ले जाना पड़ा अस्पताल - अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर मोहन पासवान

केंद्र और राज्य सरकार दावा करती है कि सभी गांवों को सड़क से जोड़ दिया गया है, लेकिन आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी देश में कई गांव ऐसे हैं जहां ना तो सड़क है और ना ही स्वास्थ सुविधाएं. यहां अब भी लोग बीमार पड़ते हैं तो उन्हें खाट पर लिटा कर अस्पताल पहुंचाया जाया है (people take patient to hospital on cot). ऐसा ही गांव है साहिबगंज का छोटा बेतौना गांव जहां सड़क नहीं होने की वजह से मरीज को खाट पर सदर अस्पताल ले जाया जाता है.

people take patient to hospital on cot
people take patient to hospital on cot

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Published : Dec 9, 2022, 8:00 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 8:24 PM IST

साहिबगंज: आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी झारखंड के कई गांव ऐसे हैं जहां आज तक ना तो स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंची हैं और ना ही आवाजाही के लिए कोई साधान की व्यवस्था है. इसी तरह का गांव साहिबगंज में है जहां गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को ग्रामीण खाट में लिटा कर पैदल ही इलाज के लिए कई किलोमीटर तक ले जाते हैं (people take patient to hospital on cot).

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जिरवाबाडी ओपी थाना क्षेत्र के छोटा बेतौना गांव मे 23 वर्षीय लालू मरांडी अपने घर से मवेशी चराने के लिए पहाड़ गए हुए थे. इसी दौरान लालू मरांडी पेड़ से गिर जाने से बुरी तरह से घायल हो गए. गिरने से लालू मरांडी की जीभ कट गई और वह खून से लहूलुहान हो गए. इसके अलावा उनकी कमर में काफी चोट लगी जिससे वे उठ नहीं पा रहे थे. जिसके बाद परिजन और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें घाट पर लिटाकर करीब 7 से 8 किलोमीटर दूर साहिबगंज सदर अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल पहुंचने के बाद चिकित्सक डॉ मोहन मुर्मू ने फौरन इलाज शुरु किया.

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लालू मरांडी के भतीजे राम सोरेन ने बताया कि जहां उनका घर है वहां अब तक सड़क नहीं बन सकी है. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को आए दिन कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बावजूद भी अब तक गांव में सड़क निर्माण नहीं हो सका है. सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिखता है. उन्होंने बताया कि उनके गांव में स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं है, एंबुलेंस की जानकारी होते हुए भी एंबुलेंस पहाड़ तक नहीं पहुंच पाती है क्योंकि रास्ता ही नहीं है. पैसे की अभाव में वे लोग प्राइवेट गाड़ी भी नहीं कर सकते हैं. ऐसे में खाट पर ही मरीज लिटा कर अस्पताल तक पहुंचे हैं.


इस मामले को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर मोहन पासवान ने बताया कि सरकार के द्वारा हर सुविधा मरीजों को मिल रही है. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉक्टर रामदेव पासवान लगातार लोगों को जोर शोर से जागरूक भी कर रहा है. आज लोग इतने जागरूक हो गए हैं कि मरीजों को जिस तरह से सुविधा मिले परिजन उसे फौरन अस्पताल ले आते हैं और अस्पताल में फौरन इलाज होते हैं.

Last Updated : Dec 9, 2022, 8:24 PM IST

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