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पितृ पक्ष 2022ः साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पूर्वजों को तर्पण करने पहुंच रहे लोग

पितृ पक्ष 2022 (Pitru Paksha 2022) शुरू हो चुका है. कहते हैं जिन पितरों का देहांत पूर्णिमा के दिन हुआ हो पहले दिन उनका ही श्राद्ध होता है. साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट (Mukteshwar Ganga Ghat of Sahibganj) पर भी कुछ लोगों ने अपने पितरों का तर्पण लिया. 17 दिन तक चलने वाले पितृ पक्ष पर हर दिन गंगा घाट पर पिंडदानियों की भीड़ उमड़ेगी.

Mukteshwar Ganga Ghat of Sahibganj
Mukteshwar Ganga Ghat of Sahibganj

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Published : Sep 10, 2022, 2:28 PM IST

साहिबगंज: आज भाद्र मास की पूर्णिमा है और पितृ पक्ष 2022 का पहला दिन है. पितृ पक्ष शुरू होते ही पितरों के मोक्ष के लिए पिंडदान शुरू होता है. कहते हैं जिन पितरों का देहांत पूर्णिमा के दिन हुआ हो, उनका श्राद्ध पूर्णिमा तिथि पर किया जाता है. इसी को लेकर साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट (Mukteshwar Ganga Ghat of Sahibganj) पर भी पिंडदानी अपने पितरों का तर्पण कर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं. ऐसे में आज मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पिंडदानी नजर आ रहे हैं. रविवार से पितरों का तर्पण करने के लिए गंगा घाट पर लोगों की भीड़ उमड़ेगी.

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पितृ पक्ष को लेकर पुरोहित क्या कहते हैं: पुरोहित बताते हैं कि पूर्णिमा के दिन से ही पितृ पक्ष शुरू होता है. आज पूर्णिमा की तिथि पर लोग घाट आए और अपने पूर्वजों का तर्पण किया. रविवार से तिथि के अनुसार लोग गंगा घाट पर पहुंचकर विधि विधान से अपने पूर्वजों का तर्पण करेंगे. पितृपक्ष 17 दिन तक चलता है, इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं होता है. पुरोहित बताते हैं कि इस बीच हमारे पूर्वज धरती पर विचरण करते हैं और अपने वंश के कुल से आशा रखते हैं कि वो उन्हें पानी दे जिससे उनका मन तृप्त हो जाए. ऐसा करने वाले कुल के लोगों को आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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क्या कहते हैं पिंडदानी:मुक्तेश्वर गंगा घाट पर पिंडदान के लिए पहुंचे कुछ लोगों ने बताया कि उनके पिता की मृत्यु पूर्णिमा के दिन ही हुई थी. इसलिए आज की तिथि के अनुसार सारा काम खत्म हो गया. हिंदू रीति रिवाज के अनुसार आज पुरोहित की उपस्थिति में पिता सहित दादा दादी फुआ फूफा परदादा सहित अन्य लोगों को तर्पण कर उनका आशीर्वाद मांगा.

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