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ऐसे ठीक होंगे मरीज! मात्र एक डॉक्टर के भरोसे साहिबगंज सदर अस्पताल का ओपीडी

साहिबगंज में गर्मी की वजह से भारी संख्या में लोग मौसमी बीमारियों की जद में आ रहे हैं. साहिबगंज सदर अस्पताल के ओपीडी में मरीजों की भीड़ (Sahibganj Sadar Hospital) है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ऐसी कि इतने लोगों को देखने के लिए यहां मात्र एक ही डॉक्टर उपलब्ध है.

Only one doctor working in OPD of Sahibganj Sadar Hospital
साहिबगंज सदर अस्पताल

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Published : Jul 21, 2022, 1:04 PM IST

साहिबगंज: सावन के महीने में भी लगातार तापमान बढ़ने से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. इसका असर हर दिन अस्पताल और ओपीडी में पहुंचे हुए मरीजों (crowd of patients in OPD) को देखकर अनुमान लगाया जा सकता है. लेकिन सिस्टम की अनदेखी ऐसी कि सैकड़ों की संख्या में मरीजों को जांचने के लिए साहिबगंज सदर अस्पताल (Sahibganj Sadar Hospital) के ओपीडी मात्र एक ही डॉक्टर है.

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साहिबगंज सदर अस्पताल के ओपीडी (Sadar Hospital OPD) में लगी लंबी कतार में मरीज खड़े हैं. घंटों लाइन में खड़े होने के बावजूद भी वो चिकित्सक से मिल नहीं पा रहे हैं. ऐसा इसलिए कि ओपीडी में मात्र एक ही डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति की गयी है. इससे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही साफ नजर आती है. इस कोताहीपूर्ण रवैये का खामियाजा आम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. बीमारी से परेशान करीब 200 मरीज ओपीडी आते हैं लेकिन चंद मरीज ही डॉक्टर से दिखा पा रहे हैं.

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दूर दराज से पहुंचे मरीजों का कहना है कि 10 बजे से पर्ची कटाकर लाइन में खड़ी हूं लेकिन दो घंटे बीतने जा रहा है अभी तक जहां पर खड़ी हूं वहीं पर खड़ी हूं. उन्होंने कहा कि भीड़ इतनी है कि एक डॉक्टर मरीज को नहीं संभाल पा रहे हैं, यह स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही है. एक मरीज ने कहा कि देह हाथ में दर्द और बुखार है, चलने का मन नहीं कर रहा है लेकिन घंटों लाइन में खड़े के होने के बावजूद डॉक्टर से मिलना असंभव सा लग रहा है. जिला प्रशासन को इस और ध्यान देने की जरूरत है.

ओपीडी में मरीजों की भीड़


इसको लेकर डॉक्टर ने कहा कि इन दिनों भीषण गर्मी पड़ने की वजह से मरीज की संख्या में इजाफा (increased number of patients) हुआ है. एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति हर दिन कर दी जाती है लेकिन इतने सारे मरीजों को संभालना बहुत मुश्किल होता है. शाम को तीन बजते बजते ढाई सौ से अधिक मरीज को देखना पड़ता है. ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य विभाग को कम से कम 3 डॉक्टर देने की जरूरत है ताकि जल्द से जल्द मरीज को देखकर छुट्टी कर दी जाए.

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