साहिबगंज: शुक्रवार सुबह नगर थाना अंतर्गत पुरानी साहिबगंज के रहने वाले आईआरबी प्रशिक्षु का पार्थिव शरीर घर पहुंचा. इस दौरान होनहार सुशील चौधरी के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जो सुशील चौधरी महज एक पखवाड़े बाद पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेता उसी को साथ ड्यूटी करने वाले साथी कंधा देते नजर आए. उनके भाई गोपाल चौधरी ने मुखाग्नि दी (Last Ritual Of Trainee Irb Jawan).
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पुरानी साहिबगंज का रहने वाले सुशील चौधरी वर्ष 2019 में आईआरबी में बहाल हुए थे. कोरोना की वजह से प्रशिक्षण स्थगित होता रहा. पंद्रह दिन बाद प्रशिक्षण के बाद पासिंग परेड होने वाली थी. इधर, इससे पहले दुर्गा पूजा में बोकारो से ड्यूटी में रांची में जाने की तैयारी की जा रही थी. बुधवार सुबह करीब आठ बजे बस में सवार होने से पहले सीने में एक गोली लगने से सुशील चौधरी की मौत हो गई.
आईआरबी के डीएसपी ने घरवालों को फोन कर बताया कि सुशील कुमार चौधरी ने आत्महत्या कर ली है. खबर सुनते ही स्वजनों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा. बुधवार को ही बोकारो के लिए परिजन निकल पड़े. गुरुवार को दोपहर बाद पोस्टमार्टम हुआ. बाद में आईआरबी के जवान अपनी गाड़ी से सड़क मार्ग होते हुए पार्थिव शरीर साहिबगंज लेकर पहुंचे. शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे यहां शव लेकर आने वालों में आईआरबी के छह लोग थे, जिसमें हवलदार मनोज कुमार मंडल, आरक्षी दिवाकर मंडल, सुमित गुप्ता, नवीन कुमार व राजेश कुमार और रंजन थे. इसी के साथ बोकारो से जैप के जवान भी पहुंचे. विदाई की बेला में सभी जवानों ने नम आंखों से विदाई दी.
आईआरबी जवान दिवाकर मंडल ने कहा कि '2019 में एक साथ 600 जवान बहाल हुए थे. हमलोग सुशील चौधरी को कमांडो कहकर बुलाते थे. क्योंकि कमांडो वाला काम भी करता था. दौड़ में प्रथम आना, ऊंची कूद, लंबी कूद, फायरिंग सहित अन्य गतिविधि में प्रशिक्षण के दौरान प्रथम ही आता था. काफी एक्टिव जवान था, शरीर एक दम लचीला था. इतने सारे जवान में गतिविधि से अलग पहचान लिया जाता था. इसलिए हम लोग इसे कमांडो कहकर बुलाते थे, काफी मिलनसार लड़का था. सभी दोस्तों से काफी हंसकर बात करता था. इसके जाने से हम लोग काफी दुखी हैं, एक अच्छा दोस्त खो दिया है. इसकी कमी हमारे बटालियन को खलेगी.' प्राप्त जानकारी के अनुसार बोकारो में सुशील को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था. इसलिए साहिबगंज में उसे गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया. इसके अलावा जवान को यहां लाने को लेकर कई अन्य सवाल भी स्थानीय स्तर पर उठाई जा रही है.