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साहिबगंज में निकाली गई रुबिका न्याय यात्रा, झारखंड के इन जिलों की खबरों के लिए यहां क्लिक करें

साहिबगंज में रक्तदान शिविर लगाया गया. पलामू के हुसैनाबाद में कर्नल कप का समापन(Colonel Cup ends in Hussainabad) हुआ. इसमें पूर्व भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान बाइचूंग भूटिया ने भी शिरकत की. साहिबगंज में रुबिका को इंसाफ दिलाने के लिए न्याय यात्रा निकाली गई. चाईबासा में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई. पलामू में नेशनल हाईवे 98 से प्रभावित रैयत आंदोलन कर रहे हैं. ऐसी खबरों के लिए पढ़िए झारखंड न्यूज अपडेट(jharkhand news update).

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Published : Dec 26, 2022, 10:04 AM IST

साहिबगंज:जिले के चौधरी कॉलोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को विराट रक्तदान शिविर का आयोजन गया(Blood donation camp organized). इसमें रक्तदान के लिए 77 लोगों ने पंजीयन कराया. यह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से आरंभ हुआ. शिविर का शुभारंभ उपायुक्त राम निवास यादव और सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने किया. रक्त संग्रह करने के लिए मो. अजहर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे. यह शिविर गायत्री शक्ति पीठ की तरफ से लगाया गया. अखिल गायत्री परिवार व अखिल मारवाड़ी महिला मंच ने भी इसमें सहयोग किया.

पलामूः जिला के हुसैनाबाद के कर्पूरी मैदान में खेले गए कर्नल कप फुटबॉल प्रतियोगिता(Colonel Cup ends in Hussainabad) को मोहम्मदाबाद ने जीत लिया. फाइनल मैच में अमही को मोहम्दाबाद ने एक गोल से हराया. मैच अंतिम क्षण तक रोमांचित रहा. इस मौके पर भारतीय फूटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचिंग भूटिया की मौजूदगी खास रही. इस मौके पर उन्होंने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की. पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने कहा कि भुटिया जी की कप्तानी में देश में फुटबॉल के खेल का काफी विकास हुआ. उन्होंने खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन किया.उन्होंने आयोजन के लिए आयोजकों की सराहना की.

साहिबगंज: झारखंड के साहिबगंज में पहाड़िया समाज की युवती रु‍बिका के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना को लेकर पूरा देश उबल रहा है. इसी क्रम में उसके हत्यारों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर बोरियो में रुबिका पहाड़िन न्याय यात्रा निकाली गई(rubika Justice Yatra taken out in Sahibganj). यह बोरियो दामिन डाकबंगला से बेल टोला, मेन रोड, थाना रोड होते हुए ब्लॉक परिसर तक गई. वहां अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया. अखिल भारतीय आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड के तत्वावधान में हिल एसेंबली पहाड़िया महासभा द्वारा निकाली जा रही इस रैली में लोगों को परंपरागत हथियारों के साथ शामिल होने का निर्देश दिया गया था. इस वजह से बोरियो दामिन डाकबंगला में लोग तीर धनुष, तलवार, हंसुआ, कछिया, दबिया, मसे (मसु), कुल्हाड़ी, भाला इत्यादि लेकर रैली में पहुंचे.

चाईबासाःपश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजन जिला समाहरणालय स्थित सभागार में की गई. जिसमें सड़क सुरक्षा संबंधित पदाधिकारी, सांसद - विधायक प्रतिनिधि के अलावे सामाजिक संगठन एवं विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि मुख्य रूप से उपस्थित रहे. बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा की गई एवं कई निर्णय लिए गए. सर्वप्रथम गांधी जयंती के अवसर पर आयोजित सड़क सुरक्षा पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान एवं तृतीय स्थान पाने वाले के साथ जिला में 20 अन्य पेंटिंग को उत्कृष्ट पेंटिंग के लिए सम्मानित किया गया एवं उपायुक्त के द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया गया.

धनबाद: झारखंड मे कुड़मी जाति के द्वारा आदिवासी का दर्जा का दिए जाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. कुड़मी समाज की इस मांग को आदिवासी सोनोत संताल समाज गलत करार दे रहे हैं. सोनोत संताल समाज के हजारों लोगों ने पारंपरिक हथियारों के साथ रणधीर वर्मा चौक पर प्रदर्शन किया. साथ ही झारखंड में कुड़मी जाति के नेताओं को अभी से सचेत होने की चेतावनी दी आदिवासी समाज ने दी है. सूर्य सिंह बेसरा, मथुरा प्रसाद महतो, चंद्र प्रकाश चौधरी समेत अन्य कुड़मी नेताओं का आदिवासी समाज समाज के लोगों ने पुतला दहन किया. वहीं संताल समाज के नेताओं ने बताया कि आदिवासियों को पहले से ईसाई धर्म के लोग तंग कर रहे हैं और अब कुड़मी तंग कर रहे हैं. झारखंड में खेती करने को लेकर महाराष्ट्र और गुजरात से आए थे कुड़मी अब अपने आप को यहां के वाशिंदे कह रहे है. कुड़मी समाज को आदिवासी का दर्जा दिया जाएगा तो आदिवासी समाज आंदोलन करने को बाध्य होगा.

पलामूःनेशनल हाइवे 98 से प्रभावित के रैयत आंदोलन पर उतर गए हैं. ये रैयत हरिहरगंज प्रखंड ढाब और उसके आस पास के ग्रामीण हैं. आंदोलन पर उतरे ग्रामीण नेशनल हाईवे 98 के किनारे टेंट लगाकर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे 98 के जमीन अधिग्रहण को लेकर प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगाया है. ग्रामीणों का यह आंदोलन पिछले कई महीनों से जारी है लेकिन ग्रामीणों ने अब इस आंदोलन को तेज कर दिया है. पूरे आंदोलन का नेतृत्व मुखिया जितेंद्र पासवान कर रहे हैं. नेशनल हाईवे 98 का फोरलेन करने का काम चल रहा है. इलाकों में फोरलेन का काम पूरा भी हो गया है लेकिन ढाब और उसके आसपास के इलाके में ग्रामीणों ने मुआवजा को लेकर केई सवाल उठाया है. ग्रामीण मुआवजा राशि को बढ़ाने और एक बार फिर से रैयतों की जमीन की मापी करवाने की मांग कर रहे हैं.

गिरिडीहःजमीन की मापी किए बगैर रोड निर्माण कार्य शुरु होने से ग्रामीणों में नाराजगी है. ग्रामीणों के द्वारा पहले मापी फिर रोड निर्माण कार्य किए जाने की मांग की जा रही है. इस मांग को लेकर बगोदर प्रखंड के अलगडीहा और बालक के ग्रामीणों ने बगोदर पूर्वी के जिप सदस्य रीता देवी के नेतृत्व में एकजुट होकर विरोध- प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने जमीन की मापी और फिर भू- रैयतों को मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण किए जाने की मांग की है. बता दें कि करोड़ों रुपए की लागत से बगोदर प्रखंड के तिरला- औंरा भाया अलगडीहा रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. रोड का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण होना है. रोड चौड़ीकरण होने से कुछ जगहों पर ग्रामीणों की रैयती जमीन ली जानी है. हालांकि रैयती जमीन के एवज में भू- रैयतों को मुआवजा मिलना है. साढ़े चार करोड़ मुआवजा राशि भी स्वीकृत हुई है. मगर भूमि का मापी किए बगैर निर्माण कार्य शुरु कर दिया गया है. इससे ग्रामीणों में नाराजगी है.

खूंटीः करियर काउंसिलिंग सत्र सह कौशल मेला का आयोजन जिले के नगर भवन सभागार में किया गया. कौशल से कुशल खूंटी की थीम पर आधारित कौशल मेला में आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, वकील और बैंकिंग के क्षेत्र में कार्यरत पदाधिकारी शामिल रहे. करियर काउंसिलिंग सत्र सह कौशल मेला में जिले के विभिन्न विद्यालयों के दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं के विद्यार्थी शामिल रहे. कार्यक्रम में आयुक्त नीतीश कुमार ने विद्यार्थियों को सिविल सर्विस क्षेत्र में आगे बढ़ने और सफलता पाने के गुर सिखाए. डॉक्टर आर टी चक्रवर्ती ने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि आप अपने निर्धारित लक्ष्य पर फोकस रखिये लेकिन ऑप्शनल कैरियर का भी निर्धारण करिए. कौशल विकास मेला में उपस्थित जुडको के निदेशक उत्कर्ष मिश्रा ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए लगातार अध्ययन करने की आवश्यकता है.

चतरा: वैसे तो नए साल की खुशियां हर्ष और उमंग के साथ पूरे देश में मनाई जाती है. लेकिन चतरा जिला में इसका कुछ अलग ही अंदाज दिखा. गरीब, असहाय और अनाथ बच्चों की नववर्ष के आगमन की खुशियां यहां पहली बार मनी, जिसमें बच्चों ने फ्री में शॉपिंग का मजा लिया और वो भी शॉपिंग मॉल में. इस मौके पर जहां बच्चों के बीच एक गजब का उत्साह देखा गया, वहीं यह पल और नववर्ष के आगमन ने मानो उनकी खुशियों में चार चांद लगा दिया हो. दरअसल रेड क्रास सोसायटी ने यह अनोखा कदम उठाया. जिसमें जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में निवास करने वाले अनाथ और गरीब बच्चों ने एक कमरे में स्थापित अस्थाई शॉपिंग मॉल में सेल्स मैन और सेल्स गर्ल्स की मौजूदगी में फ्री शॉपिंग का लुत्फ उठाया. जहां 100 से भी अधिक बच्चे मौजूद थे. इस मौके पर जिला परिषद के उपाध्यक्ष बृज किशोर तिवारी ने कहा कि रेडक्रॉस द्वारा असहाय तथा आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं के बीच गरम कपड़ों का निशुल्क वितरण कर एक सराहनीय कदम उठाया गया है.

सरायकेलाः जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सशक्तिकरण सह विधिक जागरुकता शिविर कार्यक्रम का आयोजन सरायकेला स्थित टाउन हॉल में आयोजित किया गया. इसके अलावा जिले के सभी प्रखंड मुख्यालयो में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया. टाउन हॉल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार, कुटुंब न्यायालय के प्रधान जज, विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव क्रांति कुमार, बार एसोसिएशन उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, महासचिव देवाशीष ज्योतिषी ,एसडीओ राम कृष्ण कुमार मौजूद रहे. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे. शिविर में लोगों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं जोड़कर लाभ पहुंचाने, पलायन रोकने ,सामाजिक समरसता स्थापित करने जैसे विषयों पर चर्चा की गई.

चतरा: 1932 खतियान आंदोलनकारी टाईगर जयराम महतो ने चतरा के टंडवा प्रखंड क्षेत्र के किशुनपुर मैदान में आयोजित खतियान ई महाजुटान सभा में हुंकार भरी. इस दौरान जयराम महतो ने स्थानीय सांसद और विधायक को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि स्थानीय सांसद और विधायक यहां के विस्थापित परिवारों के हक और अधिकार को कॉर्पोरेट कंपनियों से लूटवा रहे है. उन्होंने कहा कि चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह खुद बाहरी हैं ऐसे में वे विस्थापन का दंश झेल रहे लोगों को समर्थन करने के बजाय कंपनियों को अपना समर्थन दे रहे हैं. इसी का परिणाम है कि यहां के विस्थापित परिवार आज भी अपने हक अधिकार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड की मिट्टी हमारी मां समान है और इस मिट्टी के सम्मान के लिए अपनी जान देने के लिए भी हम तैयार हैं.

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