साहिबगंजः तस्वीर साहिबगंज जिले की है और यह पल्स पोलियो अभियान के दौरान की है. तस्वीर अनोखी नहीं, पर इसकी कहानी अनोखी है. ये तस्वीर एक साथ कई बातें कह रही हैं. ये फोटो सिस्टम पर चोट भी करती है और समाज के सामने एक नजीर भी पेश करती है.
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साहिबगंज जिला में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में जिला के बाढ़ प्रभावित मंडरो प्रखंड के सिरसा गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. गांव में एक पिता को अपने नवजात बच्चे का टीकाकरण कराना था. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि इस बरसात और उफनती नदी के बीच वो टीकाकरण केंद्र तक बच्चे को ले कैसे जाए. उसके बाद उस पिता ने अपने बच्चे के लिए जो किया, उसका जिक्र हमारे ग्रंथों में है.
जिस तरह वासुदेव नन्हें कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर मथुरा से गोकुल पहुंचे थे. कुछ उसी तरह यह पिता अपने नवजात बच्चे को घर के बर्तन (डेगची) में रखकर उसे अपने सिर पर उठाकर बाढ़ से लड़ते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. ये दृष्य देखकर पूरा गांव दांतों तले उंगलियां दबाता रह गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पिता ने देखा कि अपने नवजात को इस बारिश और पानी में कहां रखे, तो उसने तय किया कि वो बर्तन में बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक दिलवाएंगे. फिर स्वास्थ्यकर्मियों ने भी बर्तन में रखे नवजात को पोलियो ड्रॉप्स पिलाया. पिता के इस प्रेम और बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर ऐसी चाहत को देखकर स्वास्थ्यकर्मियों ने काफी सराहना की.
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस तस्वीर को अपने कैमरे कर लिया. कैमरे में कैद पल, वो वक्त मानो थम सा गया. कैमरे में ली गई तस्वीर कई कहानियां कह रही है. हर किसी से कुछ कह रही है. बर्तन में अबोध बच्चा पूरे समाज से, सिस्टम से कुछ कहना चाहता है. जब पोलियो अभियान की शुरुआत हुई थी तो कई तरह की भ्रांतियां लोगों में थीं, लोग अपने बच्चों को इस खुराक से दूर रख रहे थे. लेकिन सरकारी प्रयास और लोगों की समझ बढ़ी तो टीकाकरण भी बढ़ा.