साहिबगंज: जिले में लगातार पहाड़ों की कटाई जारी है. क्रसर धड़ल्ले से चल रहा है. एनजीटी के नियमों को ताख पर रखकर क्रसर मालिक वातावरण में धूल उड़ा रहे हैं. इसका असर अब किसान पर पड़ना शुरू हो गया है. वर्षो से पहाड़ों में विस्फोट कर पत्थर निकालने की प्रकिया चालू है. इसका असर यह हुआ कि पहाड़ से निकलने वाला झरना बंद हो गया है. क्रसर से धूल उड़ने से किसान की जमीन बंजर की कगार पर पहुंच चुकी है.
किसान पहले पहाड़ के झरने से अपने खेतों की सिंचाई कर लिया करते थे. जड़ी बूटी से युक्त शुद्ध पेयजल मिल जाया करता था, लेकिन अब किसान सिंचाई से भी वंचित हो गया है. दूसरी बात धड़ल्ले से क्रेसर चल रहा है. एनजीटी के मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि पहाड़ के नीचे किसान की उपजाऊ जमीन अब बंजर होने की कगार पर है.