साहिबगंज: राजमहल अनुमंडल स्थित तीनपहाड़ थाना अंतर्गत दरला पंचायत के दरला गांव में स्व देबू महतो का घर है. इनसे शुरू होती है अंधापन का शिलशिला. लगातार तीन पीढ़ी से यह परिवार अंधापन का शिकार हो रहा है. किसी तरह दूसरों के भरोसे इनकी जिंदगी कट रही है. घर का मुखिया देबू महतो और इनकी पत्नी का देहांत हो चुका है. दोनों देख नहीं पाते थे. इनका तीन संतान, जिसमें एक पुत्र और एक पुत्री देख नहीं पाते हैं. हालांकि, बेटे सागर को ये बीमारी नहीं हुई, लेकिन सागर की बेटी अंधी ही पैदा हुई.
भगवान को दोष नहीं देते पीड़ित
पीड़ित धीरन महतो इसको लेकर भगवान को दोष नहीं देते वो कहते हैं कि गरीबी की वजह से हम सभी अंधे हुए हैं. उनका कहना है कि पोष्टिक आहार की कमी, भूखे रहना, पैर में चप्पल नहीं, सर पर तेल नहीं. इस कारण वो खुद को कोस रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक उनका विकलांग पेंशन नहीं बन पाया और न ही शौचालय मिला है. हालांकि अंत्योदय कार्ड से 18 किलो चावल मिलता है. वो बताते हैं कि पत्नी कमाती है तो हमलोग खाते हैं वरना भूखे रहते हैं. अपने अंधेपन का अफसोस है वो कहते हैं कि आज आंख होता तो दुनिया को देख पाते. ये गरीबी नहीं देखनी पड़ती.