साहिबगंज: जिला में पत्थर कारोबार बहुत बृहद पैमाने पर होता है. यहां से गिट्टी, चिप्स, पत्थर बिहार और बंगाल ही सड़क मार्ग से जाता था, लेकिन अब यहां का स्टोन चिप्स अब भारत से बाहर देश-विदेशों में भेजने की तैयारी चल रही है.
उद्योग विभाग की पहल पर जिला को स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट हब बनाने की पहल हुई है. अब यहां से स्टोन चिप्स बंदरगाह के रास्ते कार्गो जहाज के माध्यम से देश-विदेशों में भेजने की तैयारी चल रही है, क्योंकि साहिबगंज में बंदरगाह बनकर तैयार है. बंदरगाह बनाने का एक ही उद्देश्य था कि झारखंड से खनिज संपदा को एक्सपोर्ट और बाहरी वस्तुओं को इंपोर्ट किया जाए.
रोजगार का मिलेगा मौका
बंदरगाह से हजारों बेरोजगारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया जा सके और साहिबगंज जिला को हर दृष्टिकोण से हब बनाया जा सके. जिसकी कवायत शुरू हो चुकी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला के स्टोन चिप्स का हब बन जाने से बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा और पलायन रुक जाएगा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिला को एक नई पहचान मिलेगी. वहीं, लोगों ने कहा कि यह संभव हो पाया है मल्टी मॉडल टर्मिनल के बनने से, अगर पोर्ट नहीं बनता तो साहिबगंज को हब बनाने का सपना साकार नहीं होता. निश्चित रूप से केंद्र और राज्य सरकार की पहल सराहनीय है.
चालू है टेस्टिंग का काम
मल्टी मॉडल टर्मिनल के उप निर्देशक ने कहा कि टेस्टिंग का काम चालू है. कार्गो जहाज भी आ रही है, यहां से पत्थर चिप्स ले जाने का काम चालू हो गया है. आने वाले समय में इसे गति मिलेगा और पोर्ट के माध्यम से देश-विदेश में यहां का स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट होगा. निश्चित रूप से पोर्ट जिला को एक नई पहचान दिलाने में कारगर साबित होगा.
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