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साहिबगंज को स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट हब बनाने की कवायद शुरू, राष्ट्रीय फलक पर मिलेगी पहचान

साहिबगंज जिला को स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट हब बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. बंदरगाह के रास्ते स्टोन चिप्स देश-विदेशों में निर्यात से जिला को राष्ट्रीय फलक पर नई पहचान मिलेगी. जिला में पत्थर कारोबार बहुत बृहद पैमाने पर होता है. यहां से गिट्टी, चिप्स, पत्थर बिहार और बंगाल ही सड़क मार्ग से जाता था, लेकिन अब यहां का स्टोन चिप्स अब भारत से बाहर देश-विदेशों में भेजने की तैयारी चल रही है.

Exercise to make Sahibganj an export stone chips hub
स्टोन चिप्स

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Published : Mar 2, 2020, 9:07 PM IST

साहिबगंज: जिला में पत्थर कारोबार बहुत बृहद पैमाने पर होता है. यहां से गिट्टी, चिप्स, पत्थर बिहार और बंगाल ही सड़क मार्ग से जाता था, लेकिन अब यहां का स्टोन चिप्स अब भारत से बाहर देश-विदेशों में भेजने की तैयारी चल रही है.

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उद्योग विभाग की पहल पर जिला को स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट हब बनाने की पहल हुई है. अब यहां से स्टोन चिप्स बंदरगाह के रास्ते कार्गो जहाज के माध्यम से देश-विदेशों में भेजने की तैयारी चल रही है, क्योंकि साहिबगंज में बंदरगाह बनकर तैयार है. बंदरगाह बनाने का एक ही उद्देश्य था कि झारखंड से खनिज संपदा को एक्सपोर्ट और बाहरी वस्तुओं को इंपोर्ट किया जाए.

जानकारी देते जिला खनन पदाधिकारी

रोजगार का मिलेगा मौका

बंदरगाह से हजारों बेरोजगारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया जा सके और साहिबगंज जिला को हर दृष्टिकोण से हब बनाया जा सके. जिसकी कवायत शुरू हो चुकी हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला के स्टोन चिप्स का हब बन जाने से बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा और पलायन रुक जाएगा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिला को एक नई पहचान मिलेगी. वहीं, लोगों ने कहा कि यह संभव हो पाया है मल्टी मॉडल टर्मिनल के बनने से, अगर पोर्ट नहीं बनता तो साहिबगंज को हब बनाने का सपना साकार नहीं होता. निश्चित रूप से केंद्र और राज्य सरकार की पहल सराहनीय है.

मल्टी मॉडल टर्मिनल

चालू है टेस्टिंग का काम

मल्टी मॉडल टर्मिनल के उप निर्देशक ने कहा कि टेस्टिंग का काम चालू है. कार्गो जहाज भी आ रही है, यहां से पत्थर चिप्स ले जाने का काम चालू हो गया है. आने वाले समय में इसे गति मिलेगा और पोर्ट के माध्यम से देश-विदेश में यहां का स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट होगा. निश्चित रूप से पोर्ट जिला को एक नई पहचान दिलाने में कारगर साबित होगा.

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पहल चालू कर दी गई
जिला उद्योग विभाग के मैनेजर ने कहा कि जिला को अंतरराष्ट्रीय फलक पर एक पहचान दिलाने का पहल कर रहे हैं. जिला में दो सबसे बड़ी गंगा और पत्थर उद्योग हैं. जिला को स्टोन चिप्स मामले में हब बनाने की पहल चालू हो गई है, जिसको लेकर एक कमेटी बनाई गई है. अब बहुत जल्द कमेटी की बैठक में तमाम सारी चीजों पर चर्चा होगी और यह काम जल्द चालू हो जाएगा.

एक्सपोर्ट स्टोन चिप्स हब

वहीं, जिला खनन अधिकारी ने कहा कि बंदरगाह बनकर तैयार है. राज्य और केंद्र सरकार का निर्देश मिला है, यहां खनिज संपदा बहुत है इस दिशा में भी अग्रसर कार्रवाई की जाएगी, ताकि हमारे यहां का स्टोन चिप्स विदेश में जाए और जिला का नाम रोशन हो.

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300 करोड़ की लागत से बंदरगाह का निर्माण

साहिबगंज आकांक्षी जिला है, इसे विकसित करने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत हैं. इसी उद्देश्य से यहां 300 करोड़ की लागत से बंदरगाह का निर्माण हुआ है, ताकि भविष्य में इस जिला को विकसित किया जा सके. इसी कड़ी में जिला में पत्थर व्यवसाय चरम सीमा पर है.

सरकार की सराहनीय पहल

केंद्र और राज्य सरकार की पहल पर स्टोन चिप्स को स्टोन चिप्स का एक्सपोर्ट हब बनाने का कार्य शुरू हो चुका है. स्टोन चिप्स देश-विदेशों में पोर्ट के माध्यम से जाता है तो जिला का नाम रोशन होगा. यहां का बेरोजगारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा. निश्चित रूप से जिला प्रशासन और राज्य सरकार का सराहनीय पहल है.

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