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लॉकडाउन से साफ हुआ वातावरण, क्रशर और माईंस बंद होने से दूषित हवा से मिली मुक्ति - Environment cleared due to mines closure

देश भर में कोरोना को लेकर कोहराम मचा हुआ है. ऐसे में पूरे भारत को लॉकडाउन किया गया है और इसका पॉजिटिव असर पर्यावरण पर भी देखने को मिल रहा है. दरअसल, लॉकडाउन के कारण सभी माइंस और क्रशर बंद कर दिए गए हैं. जिससे लोगों को अब शुद्ध हवा मिल रही है.

Environment cleared due to mines closure in sahibganj
दूषित हवा से मिली मुक्ति

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Published : Apr 11, 2020, 1:15 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 3:56 PM IST

साहिबगंजः जिले के मिर्जाचौकी से शुरू होकर कोटलपोखर तक कुल लगभग 83 किलोमीटर तक पहाड़ी क्षेत्रों में अंधाधुंध रात और दिन क्रसर और माईंस चलता रहता था. पर्यावरण के साथ खिलवाड़ कर दूषित किया जाता था. हालांकि इस पत्थर व्यवसायी पर हजारों मजदूर का जीविकोपार्जन निर्भर था लेकिन लॉकडाउन की वजह से अब यह पत्थर व्यवसाय बिल्कुल बंद हो चुका है. जिसके बाद अब लोगों को ताजी और शुद्ध हवा मिल पा रही है.

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इस लॉकडाउन की वजह से चारों तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है, सभी क्रेशर बंद हो चुके हैं हजारों हजार हाइवा, ट्रक, जेसीबी बंद पड़ा हुआ है. यही वजह है कि पर्यावरण अब दूषित नहीं हो रहा है, बल्कि लोगों में खुशी है कि पहाड़ों पर घना जंगल हरा-भरा दिखाई दे रहा है. सड़कों पर धूल नहीं उड़ने से लोगों को राहत मिल रही है.

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वहीं, पर्यावरणविद ने कहा कि क्रसर और माइंस में पर्यावरण का ख्याल नहीं रखा जाता था और न ही किसी भी क्रेशर में pm10 मशीन लगाया गया है. यही वजह है कि लगातार धूलकण उड़ने से साहिबगंज का वायु प्रदूषित हो गया था, लेकिन अब इस 21 दिन के लॉकडाउन में सारा क्रेशर बंद हो जाने से वायु शुद्ध हो चुका है लोग शुद्ध हवा में जी रहे हैं. अगर यही हाल रहा तो जिलेवासियों के आयु में भी वृद्धि हो जाएगी.

Last Updated : Apr 11, 2020, 3:56 PM IST

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