शारदीय नवरात्रि के पहले दिन गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़, कलश स्थापना में गंगा जल का है विशेष महत्व
आज नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालु कलश स्थापना में जुटे हैं. कलश में गंगा जल के महत्व को देखते हुए गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. साहिबगंज जिले के कई गंगा घाटों से जल लेकर श्रद्धालु अपने-अपने घरों की ओर रवाना हो रहे हैं.
नवरात्र के पहले दिन गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़
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Published : Oct 7, 2021, 10:59 AM IST
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Updated : Oct 7, 2021, 11:15 AM IST
साहिबगंज: आज (7 अक्टूबर) नवरात्रि का पहला दिन है. तिथि और तय समय के अनुसार श्रद्धालु कलश स्थापना में जुटे हुए हैं. कलश स्थापना में गंगाजल का काफी महत्व है. इसको लेकर गंगा स्नान और जल लेने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर उमड़ पड़ी है.
कलश स्थापना में गंगा जल के महत्व को देखते हुए गंगा नदी के कई घाटों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. लोग अपने साथ लाई हुई मिट्टी के कलश और पीतल के बर्तन में जल भरकर अपने-अपने घरों की ओर जा रहे हैं. मुक्तेश्वर गंगा घाट, चानन घाट, ओझा टोली, गोपालपुर घाट, पत्थर घाट के साथ-साथ राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के कई गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा जल लेने के लिए जुटी हुई है.
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गंगा जल का महत्व
श्रद्धालुओं का कहना है कि नवरात्रि में गंगाजल का काफी महत्व है. कलश स्थापना से लेकर पूजा पाठ में इसका प्रयोग किया जाता है. इस जल में खासियत यह है कि इसमें कभी कीड़ा नहीं लगता है. जब तक चाहे तब तक घर में रखकर जल का प्रयोग पूजा में कर सकते हैं. इसके अलावे आज के दिन श्रद्धालुओं के लिए गंगा स्नान करने का खास महत्व है. आज से 9 दिन तक सभी लोग साफ सुथरा स्वस्थ मन के साथ उपवास रखते हैं.
कब है शुभ मुहूर्त
इस बार नवरात्रि के दिन चित्रा नक्षत्र रात 9 बजकर 13 मिनट तक और वैधृति योग रात 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. इस कारण शारदीय नवरात्रि में घट स्थापना का समय दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त में ही सर्वश्रेष्ठ रहेगा. इस बीच घट स्थापना कर, देवी की पूजा, ज्योति और कलश स्थापना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी.