साहिबगंज: जिले के ललमटिया स्थित धनकुंडा ग्रिड से ट्रांसमिशन लाइन (Transmission Line) के जरिए कई जिलों में 1.32 लाख केवीए का पावर सप्लाई होता है. इस ट्रांसमिशन लाइन के कई टावर पत्थर खदान की चपेट में आ रहे हैं. पत्थर खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग (Heavy Blasting) होने से कुछ दिनों से ट्रांसमिशन लाइन में खराबी आ रही है. ब्लास्ट के कारण ट्रांसमिशन लाइन में लगे विद्युत कंडक्टर भी अक्सर खराब हो रहे हैं, जिसके कारण ग्रिड को सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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जिले में पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों के लोगों को लो वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. कंडक्टर खराब होने के कारण लो वोल्टेज और लाइन ट्रिप की समस्या उत्पन्न हो रही है. खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग होने से जिले में विद्युत व्यवस्था कभी भी ब्लैक आउट हो सकता है. जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राज कुमार का कहना है कि पत्थर खदान में होने वाले ब्लास्टिंग की चपेट में आकर अगर ट्रांसमिशन लाइन टावर गिर जाता है तो एक महीने तक जिले में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है.
टावर गिरने पर एक महीने तक बिजली की आपूर्ति ठप
राज कुमार ने बताया कि अगर ब्लास्टिंग से एक भी टावर गिरता है तो एक महीने तक पूरा शहर अंधेरे में डूब सकता है. नया टावर लगाने में कम से कम 20 से 25 दिन लग सकता है. उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी जिरवाबाड़ी थाना, उपायुक्त और खनन पदाधिकारी विभूति कुमार को दे दी गई है ताकि जल्द से जल्द संज्ञान लेकर अवैध खनन पर रोक लगाए, नहीं तो बहुत बड़ी घटना घट सकती है. वहीं इस समस्या को लेकर साहिबगंज ग्रिड के सहायक अभियंता अशोक मुर्मू ने टावर और कंडक्टर को होने वाले क्षति को लेकर जिरवाबाड़ी थाना में शिकायत भी की है.
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स्थानीय लोगों ने खनन विभाग के अधिकारियों पर लगाया आरोप